शिमला। विधानसभा चुनावों व आचार संहित लगने से ऐन पहले वीरभद्र सिंह सरकार ने केबिनेट बुलाकर एक बड़े वोट बैंक को अपनी ओर करने की खातिर बड़ा विवादास्पद फैसला लेकर बीजेपी को धर्मसंकट में फंसा दिया है। ये फैसला कितना कानून सम्मत है , ये अलग मसला है। इस विवादास्पद केबिनेट का सबसे दिलचस्प पहलू ये रहा कि इसमें कई मंत्रियों ने हाजिरी नहीं भरी ।
वीरभद्र केबिनेट ने विवादास्पद फैसले लेते हुए हिमाचल सीलिंग ऑन लैंड होल्डिंग अधिनियम में संशोधन करने का फैसला लिया है ताकि जिन धार्मिक संस्थानों ने अपनी अतिरिक्त भूमि को बेचने, उपहार में देने या अन्य माध्यम से इसका निपटारा करने की छूट प्राप्त की है, वे यह भूमि हिमाचल मुजारियत एवं कानून सुधार अधिनियम के तहत परिभाषित कृषक को ही हस्तांतरित कर सकें । इस फैसले से बीजेपी संकट में आ गई हैं। अगर वो केबिनेट के फैसले का विरोध करती है तो उसे राधास्वामियों व बाकी ऐसे धार्मिक संस्थाओं के हजारों भक्तों के वोट बैंक का नुकसान उठाना पड़ सकता है। भाजपा वैसे भी बाबाओं को नाराज नहीं करती है। हरियाणा में राम रहीम इसका ताजा मिसाल हैं।
सबसे हैरानी की बात ये है कि केबिनेट में राजस्व व कानून मंत्री कौल सिंह थे ही नहीं। जबकि ये मामला रेवन्यू से जुड़ा था। केबिनेट में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के अलावा आइपीएच मंत्री विद्यास्टोक्स,सोशल जस्टिस मंत्री धनीराम शांडिल, आबकारी मंत्री प्रकाश चौधरी और उद्योगमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ही शामिल हुए। बाकी कोई भी मंत्री इस संभवत: आखिर केबिनेट में शामिल नहीं हुआ।
ये फैसला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि वीरभद्र सरकार के पास राधास्वामी ट्रस्ट समेत दर्जनों धार्मिक संस्थानों की ओर से ऐसे प्रस्ताव पहुंचे हैं जो प्रदेश में अपनी बेहताशा जमीनों को बेचना चाहते हैं। इन संस्थानों की प्रदेश में हजारों बीघा जमीनें हैं जिन्हें प्रदेश में रहने वाले श्रद्धालुओं , भक्तों या किसानों ने दान दिया या बेहद कम कीमत पर बेचा है। अब ये संस्थान इन जमीनों को बेच कर शायद बड़ा मुनाफा कमाना चाहते हैं। वीरभद्र केबिनेट ने संशोधन करने का फैसला तो कर लिया लेकिन एक्ट में संशोधन विधानसभा में होता हैं । ऐसा कोई भी संशोधन केबिनेट नहीं कर सकती हैं। लेकिन वीरभद्र सिंह केबिनेट ने ये अजीबो गरीब कारनामा कर दिया हैं। सचिवालय से जुड़े अफसर बताते हैं कि संबंधित अफसरों ने अलग राय दे रखी हैं। सुबह चीफ सेक्रेटरी वी सी फारका और रेवन्यू सेक्रेटरी तरुण श्रीधर को सीएम ने तलब किया था। केबिनेट की बैठक भी सुबह ही आनन फानन में बुलाई गई। दोपहर तीन बजे तक अधिकांश मंत्री केबिनेट में पहुंचे ही नहीं थे। सो केबिनेट देरी से शुरू हुई व ये मंत्री केबिनेट में आए ही नहीं।
यही नहीं वीरभद्र सिंह केबिनेट ने अपने चहेतों की ताजपोशी कराने की खातिर इस आखिरी केबिनेट में एक और अजीब फैसला लिया। केबिनेट ने प्रदेश में प्रदेश मानवाधिकार आयोग को सक्रिय करने का फैसला लिया और आयोग के चैयरमैन पद पर प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस जगदीश भल्ला व प्रदेश लोक सेवा ओयाग के पूर्व अध्यक्ष व वीरभद्र सिंह के बेहद चहेते के. एस. तोमर को सदस्य बना दिया। तोमर हाल ही में प्रदेश पब्लिक सर्विस कमिशन के चेयरमैन के पद से रिटायर हुए थे। उन्हें दोबारा रोजगार दे दिया हैं। पहले वो मुख्य सूचना आयुक्त की रेस में भी रहे लेकिन वहां वो पिछड़ गए। वीरभद्र सरकार को पिछले पांच सालों में मानवाधिकार आयोग की याद नहीं आई। ये सरेआम प्रदेश की जनता की आंखें में धूल झोंकने वाला फैसला हैं।
इन विवादास्पद फैसले के अलावा केबिनेट ने लोगों को पैट्रोल तथा डीज़ल की बढ़ती कीमतों से राहत दिलाने के लिए इन पर लागू वर्तमान वैट की दर में एक प्रतिशत की कटौती करने का निर्णय लिया गया । अभी ये दर पेट्रोल पर 16 और डीजल पर 16 फीसद हैं।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने की बैठक की अध्यक्षता
मुख्यमंत्री व चार चहेते मंत्रियों की केबिनेट ने दूर-दराज, सुविधा-रहित अथवा कम सुविधा वाले क्षेत्रों के लोगों को स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत किन्नौर तथा लाहौल-स्पीति को छोड़कर सभी 10 जिलों में मोबाईल चिकित्सा इकाईयां क्रियाशील बनाने का निर्णय लिया गया ।
मंत्रिमण्डल द्वारा राष्ट्रीय एम्बुलेंस सेवा-108 के अन्तर्गत आपातकालीन स्थितियों में प्रतिक्रिया का समय कम करने के लिए प्रायोगिक आधार पर शिमला शहर में दो मोटर साईकिल एम्बुलेंस आरम्भ करने का निर्णय लिया गया ।
बैठक में शिमला जिला के रामपुरी मेले तथा ऊना जिला के हरोली उत्सव को जिला स्तरीय मेला घोषित करने का लिया निर्णय।
स्वास्थ्य क्षेत्र
मंत्रिमण्डल ने श्री नैना देवी जी के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र घवाण्डल को स्तरोन्नत कर 50 बिस्तरों वाले अस्पताल बनाने को दी मंजूरी।
बैठक में शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र लंज को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में स्तरोन्नत करने तथा ऊना जिला के लोहारा ; चन्नी देवी में तीन पदों के सृजन करने के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने तथा कुल्लू के बंजार की ग्राम पंचायत शिल्ही में दो पदों के सृजन के साथ स्वास्थ्य उप-केन्द्र खोलने को मंजूरी दी।
मंत्रिमण्डल ने बिलासपुर जिला के ग्राम पंचायत धौण.कोठी के बल्हो तथा लूहणू कनैता में आवश्यक पदों सहित स्वास्थ्य उप केन्द्र खोलने को मंजूरी दी।
बैठक में रोहडू की ग्राम पंचायत सीमा ; रनताड़ी, के स्वास्थ्य उप-केन्द्र बारटु को तीन पदों के सृजन सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में स्तरोन्नत करनेए सोलन जिले की ग्राम पंचायत मांगल के स्वास्थ्य उप-केन्द्र बाग्गा को आवश्यक पदों सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में स्तरोन्नत करने तथा रामपुर तहसील की ग्राम पंचायत खमाड़ी में गांव खमाड़ी में आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने की स्वीकृति दी गई।
विभिन्न पदों को भरने व सृजित करने की मंजूरी
मंत्रिमण्डल ने सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग में उप-सम्पादक के एक पद तथा आशुटंकक के चार पदों को भरने को मंजूरी प्रदान की।
बैठक में उच्च न्यायालय रजिस्ट्री में एक पद पंजीयक तथा पंचायती राज विभाग में पंचायत निरीक्षक का एक पद सृजित करने को मंजूरी दी गई।
बैठक में शेष छः जिलों में कोषाधिकारी का एक-एक पद सृजित व भरने को भी स्वीकृति दी गई।
अन्य निर्णय
मंत्रिमण्डल ने सोलन जिला के दाड़लाघाट में उप-कोषागार खोलने तथा कोषागार लेखा व लॉटरी विभाग में पांच पद सृजित करने का निर्णय लिया।
बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा मण्डी तथा कुल्लू जिला के लिए की गई घोषणाओं को पूरा करते हुए इन जिलों के अनेक प्राथमिकए माध्यमिक तथा उच्च पाठशालाओं को स्तरोन्नत करने को मंजूरी प्रदान की गई।
बैठक में कांगड़ा जिला ज्वाली में लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में अतिरिक्त आवास निर्मित करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में शिमला जिला के रामपुर के देलठ में लोक निर्माण विभाग के नए अतिथि गृह निर्माण को मंजूरी दी।
बैठक में सोलन जिले की अर्की तहसील के सायरी में नया पुलिस थाना खोलने तथा मण्डी जिले के सरकाघाट तहसील के बलद्वाड़ा स्थित पुलिस चौकी को पुलिस थाना में स्तरोन्नत करने को मंजूरी दी।
बैठक में सरकाघाट के भदरोता में लोक निर्माण विभाग का उपमण्डल खोलने को स्वीकृति प्रदान की गई।
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