शिमला।हिमाचल केबिनेट ने नये बिलासपुर शहर में विस्थापितों द्वारा किए अतिक्रमण को नियमित करने के लिए विशेष नीति तैयार करने का निर्णय लिया है।यह निर्णय जन हित में लिया गया है। इसके तहत नियमित की जा सकने वाली अधिकतम भूमि केवल 150 वर्ग मीटर तक हो सकती है तथा यह ‘फ्री होल्ड’ आधार पर होगी। केबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता में हुई।
केबिनेट ने एक और बड़ा व विवादास्पद फैसला लेते हुए नगर निगम शिमला के कब्जे में शिमला शहरी क्षेत्र का 842.68 हेक्टेयर नियंत्रित वन क्षेत्र बेहतर प्रबन्धन के लिए वन विभाग को वापस लेने का मंजूरी प्रदान की है।
उधर,केबिनेट की ओर से नगर निगम शिमला से वापस लिए गए वन क्षेत्र के खिलाफ नगर निगम ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है।निगम के डिप्टी मेयर टिकेंद्र पंवर ने कहा कि वीरभद्र सिंह सरकार ने ये फैसला बिल्डर लॉबी को फायदा पहुंचाने के लिए किया है। ये संविधान के मूल आत्मा के खिलाफ है।इस मामले को राष्अ्रीय स्तर पर भी उठाया जाएगा।
मंत्रिमण्डल ने हिमाचल प्रदेश म्यूनिसिपल एक्ट, 1994 के अन्तर्गत सभी अधिसूचित एवं संभावित अधिसूचना के सभी वैधानिक शहरों तथा हिमाचल प्रदेश नगर नियोजन अधिनियम, 1977 परिधि के अन्तर्गत शहरी विकास केन्द्रों को लाने की स्वीकृति प्रदान की ताकि केन्द्रीय प्रायोजित कार्यों के अन्तर्गत वित्तपोषण सुनिश्चित बनाने के लिए भारत सरकार के निर्देशों को पूरा किया जा सके तथा जवाहरलाल नेहरू शहरी नवीकरण मिशन के अनिवार्य बदलावों की शर्तों को भी पूरा किया जा सके।
मंत्रिमण्डल ने हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबन्धन एवं राहत मैनुअल-2012 के अन्तर्गत राहत के नियमों को संशोधित करने और बढ़ाने का निर्णय लिया है। इससे राज्य में आपदा से प्रभावित व्यक्तियों को प्रदान की जाने वाली राहत सहायता में बढ़ोतरी होगी।
बैठक में नगर पंचायत संतोखगढ, देहरा, ज्वालामुखी तथा सुजानपुर को स्तरोन्नत कर नगर परिषद करने तथा यहां तैनात सचिवों को कार्यकारी अधिकारी के तौर पर स्तरोन्नत करने को भी स्वीकृति प्रदान की ।
मंत्रिमण्डल ने राज्य में केन्द्रीय विश्वविद्यालय को स्थापित करने के लिए स्थान चयन समिति की संस्तुति के अनुसार भूमि की एफसीए स्वीकृति के मामले को पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, भारत सरकार को भेजने का भी निर्णय लिया है। स्थान चयन समिति ने चरणबद्ध तरीके से धर्मशाला तथा देहरा में परिसरों के विकास की संस्तुति की है। धर्मशाला में लगभग 160 हेक्टेयर भूमि को विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर के रूप में तुरंत विकसित करने की संस्तुति की गई है, जबकि देहरा में 80 हेक्टेयर भूमि को दूसरे चरण में लिया जा सकता है।
बैठक में शिमला जिले के नेरवा तथा चौपाल के नागरिक अस्पताल को आवश्यक स्टाफ सहित 50 बिस्तरों के अस्पताल में स्तरोन्नत करने की स्वीकृति प्रदान की गई है।
मंत्रिमण्डल ने पुलिस थाना सुन्नी के लिए विभिन्न श्रेणियों के 12 पदों को सृजित करने की स्वीकृति प्रदान की है। पुलिस चौकी, सुन्नी को हाल ही में पूर्ण रूप से पुलिस थाना में स्तरोन्नत किया गया है।
बैठक में हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग के मण्डल -2 को हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग उपमण्डल जतोग सहित शिमला से धामी स्थानान्तरित करने को भी स्वीकृति प्रदान की गई।
मंत्रिमण्डल ने हिमाचल प्रदेश न्यायालय अधिनियम, 1976 में संशोधन के द्वारा हिमाचल प्रदेश में सभी अधीनस्थ न्यायालयों के आर्थिक सम्बन्धी अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने के लिए हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की।
बैठक में मण्डी जिला की सदर तहसील के मोहल खलियाड में खसरा संख्या 1380/645 तथा 1381/645 में समविष्ट 1540.37 वर्गमीटर सरकारी भूमि को केन्द्रीय विद्यालय संगठन को नियमों में छूट देकर एक रुपये की टोकन पट्टा राशि प्रतिवर्ष 99 वर्षों के लिए पट्टे पर देने की स्वीकृति प्रदान की गई। ऊना जिले के हरोली में तहसील कल्याण कार्यालय आरम्भ करने को स्वीकृति प्रदान की।कांगड़ा जिले की सिद्धबाड़ी में सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के विश्राम गृह (निरीक्षण हट) के निर्माण को स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रिमण्डल ने हिमाचल प्रदेश राजपत्र में हिमाचल प्रदेश वन (टिम्बर डिस्ट्रीब्यूशन टू द राईट होल्डरज) नियम, 2010 में संशोधन के प्रकाशन को भी स्वीकृति प्रदान की ताकि आम लोगों से आक्षेप एवं सुझाव आमंत्रित किए जा सके।
केबिनेट पंजाबी के 100 पद तथा ऊर्दू भाषा शिक्षकों के 100 पदों को अनुबंध आधार पर भरने का निर्णय लिया गया।
मंत्रिमण्डल ने केन्द्र अग्निशमन अधिकारी के दो पद, उप-अग्निशमन अधिकारी के 4 पद तथा प्रशिक्षित फायरमैन की भर्ती से फायरमैन के 30 पदों को अनुबंध आधार पर भरने का निर्णय लिया।सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग में अनुबंध्ा आधार पर सीधी भर्ती के द्वारा सहायक अभियांत्रिकी (नागरिक) के 15 पद भरने का निर्णय लिया।
बैठक में आपदा प्रबन्धन के लिए राजस्व विभाग में राज्य स्तर पर तथा प्रत्येक जिला मुख्यालय में एमरजेंसी आप्रेशन सेंटरों की डिजाइनिंग एवं स्थापित करने के लिए परामर्शी को सम्बद्ध करने को स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रिमण्डल ने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग में निरीक्षक ग्रेड-प् के 19 रिक्त पदों को अनुबंध आधार पर सीधी भर्ती से भरने को भी स्वीकृति प्रदान की।
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