शिमला। 24 दिसंबर को धर्मशाला के पुलिस ग्राउंड में कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष जी एस बाली का नाम मंच पर बैठने वाली की सूची से क्टवानेे वालोंं का पता लगाने का आग्रह खूुद बाली ने मुख्यमंंत्री वीरभद्र सिंह से किया हैं।बाली आज इस मसले पर मीडिया से रूबरू हुए और कहा कि जिन लोगों ने उनका नाम कटवाया उनकी मंशा की जांच कराई जाए। वो सरकार में एक वरिष्ठ मंत्री हैं व विधायक भी है, ये उनकी ही नहीं सरकार व जनता की प्रतिष्ठा का सवाल हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री के इस बयान को कि बाली सुबह ही आ गए एसपीजी की सूची में मंच पर बैठने वालों में उनका नाम में शामिल था को भी खारिज कर दिया । उनहोंने कहा कि उन्होंने खुद एसपीजी की सूची देखी। सीएम को किसी ने गलत जानकारी दी हैं कि मेरा नाम सूची में था।
रैली में अपने योगदान को लेकर उन्होंनेे कहा कि करीब तीन हजार लोग उन्होंने रैली में भेजे थे।
गौरतलब हो कि सरकार के चार साल पूरे होने के मौके पर धर्मशाला के पुलिस ग्राउंड में सरकार ने रैली का आयोजन किया था जिसमें पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शिरकत की। इस रैली के समांतर ही परिवहन मंत्री जी एस बाली ने भी अपने चुनावी हलके नगरोटा बगवां मेंं इंजीनियरिंग कालेज व राजीव गांधी की प्रतिमा का अनावरण का कार्यक्रम रखा। ये कार्यक्रम बाली ने अपनी ताकत दिखाने के लिए रखे ।
लेकिन दूसरी ओर से मुख्यमंत्री का खेमा इस बात से नाराज हो गया और समझा जा रहा है कि बाली को सबक सिखाने व उनकी फजीहत कराने के लिए धर्मशाला की रैैली में उनको मंच पर ही नहीं आने दिया व इसके लिए एसपीजी का सहारा लिया गया।
मंच पर बैठने वालों की जो सूची एसपीजी के पास थी उसमें बाली का नाम ही नहीं था।नतीजतन बाली को रैली स्थल पर पहुंचने के बावजूद भी वापस उल्टे पावं लौटना पड़ा । बाली को बड़ा इवेंट मैनेजर माना जाता हैं लेकिन वो राहुल गांधी की रैली में मंच पर बैैठने वालों की सूची में अपना नाम शामिल नहीं करवा पाए।इसका उनको मलाल जरूर रहेगा।
बाली ने संदेह जाहिर किया है कि ये किसी ने शरारत की हैं व मुख्समंत्री से जांंच की मांग की हैं । लेकिन बाली ये जरूर समझते होंगे कि अगर किसी ने शरारत कर या जानबूझकर भी उनका नाम कटवाया होगा तो निश्चित तौर पर मुख्यमंत्री की हामी ली होगी।
ऐसे में मामले की जांच किस तरह से होगी ये अलग मसला हैं लेकिन अगर बाली में दम हैं तो उन्हें को खुलकर सामने आकर उन लोगों को बेनकाब करना चाहिए जिन लोगों ने रैली में उनकी आने की संभावना ही सील कर दी। ये चाल जिसने भी चली अपनी तगड़ा मास्टर स्ट्रोक जड़ा और बता दिया कि उने अपने जिले में उनके साथ कुछ भी हो सकता हैं।
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