शिमला।हिमाचल हाईकोर्ट में एक ही दिन में चार जजों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाने का रिकार्ड बन गया है। संभवत:ये पहली बार हुआ है कि एक ही दिन में चार जजों को शपथ दिलाई गई हो।
हिमाचल हाईकोर्ट में आज सुबह पूर्व एडिशनल एडवोकेट जनरल विवेक सिंह ठाकुर,एडवोकेट अजय मोहन गोयल को जज की शपथ दिलाई गई जबकि हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरलचंद्र भूषण बारोवालिया और एडवोकेट संदीप शर्मा को अतिरिक्त जज की शपथ दिलाई गई।
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मंसूर अहमद मीर ने एक सादे लेकिन गरिमामयपूर्ण समारोह में इन चारों जजों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। समारोह का संचालन रजिस्ट्रार ज्यूडिशियल राजीव भारद्वाज ने किया व राष्ट्रपति इन इन चारों की नियुक्ति को लेकर राष्ट्रपति की ओर से भेजा गया वारंट ऑफ अप्वाइटमेंट पढ़ा।
इस मौके पर हाईकोर्ट के जस्टिस संजय करोल,जसिटस राजीव शर्मा,जस्टिस धर्मचंद चौधरी,जस्टिस त्रिलोक सिंह चौहान ,जस्टिस पी एस राणा और जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर ने शिरक्त की।इनके अलावा यूपीए सरकार में मंत्री रहे व हिमाचल से राज्यसभा सदस्य आनंद शर्मा,वीरभद्र सिंह केबिनेट में कानून मंत्री कौल सिंह ठाकुर के अलावा कई विधायक पूर्व जज व गणमान्य व्यक्तियों ने शिरक्त की।
यहां जाने चारों जजों के जीवन का संक्षिप्त विवरण-:
जसिटस विवेक सिंह ठाकुर
जस्टिस विवेंक सिंह ठाकुर का जन्म 16 अप्रैल 1966 को जिला बिलासपुर की घुमारवीं तहसील के लनजाटा गांव में हुआ। इनके पितायोग टीचर थे व विधायक रह चुके है। जस्टिस विवेक सिंह ठाकुर ने बीएससी,बीजेएमसी व एलएलबी की पढ़ाई हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी से की जबकि एलएलएम कुरूक्षेत्र विवि से की।
इन्होंने हिमाचल प्रदेश बार काउंसिल में 1990 में खुद को बतौर एडवोकेट पंजीकृत कराया व इसके बाद 1998 से 2003तक प्रदेश की भाजपा -हिंविकां गठबंधन सरकार में ये एडिशनल एडवोकेट जनरल रहे।इस दौरान इन्होंने अस्सिटेंट एडवोकेट जनरल का पेपर भी पब्लिक सर्विस कमिशन से पास किया व टॉपर रहे । लेकिन प्रदेश में नई बनी वीरभद्र सिंह सरकार ने ये पोसटें ही समाप्त कर दी। इसके बाद दिसंबर 2007 से लेकर दिसंबर 2012 तक धूमल सरकार में ये दोबारा एडिशनल एडवोकेट जनरल के पद पर तैनात रहे।इसके अलावा इन्होंने विभिन्न लीगल मुददों पर राष्ट्रीय स्तर की कांफ्रेसों व सेमिनारों में शिरकत की।ये हिंदी केनामी अखबार नव भारत टाइम्स से भी जुड़े रहे।
जस्टिस अजय मोहन गोयल-:
10 जनवरी 1969 को चंडीगढ़ में जन्में जस्टिस अजय मोहन गोयल की शुरूआती शिक्षा सेंट एडवर्ड स्कूल शिमला में हुई।इन्हांनें अपनी बीए आनर्स की डिग्री संजौली कॉलेज से हासिल की व इसके बाद हिमाचल प्रदेश विवि से 1992 एलएलबी की डिग्री हासिल की।
इसके बाद अक्तूबर 1992 में ये बतौर एडवोकेट हिमाचल बार काउंसिल में पंजीकृत हुए।
इन्होंने स्व.लाला छबील दास के साथ प्रैक्टिस शुरू की व 1995के बाद इंडिपेंडेंट प्रैक्टिस शुरू की।इन्होंने कई कंपनियों के लिए पैरवी की।और स्टेट को -आपरेटिव बैंक व अन्य सरकारी संस्थानों के वकील रहे है।इसके अलावा ये एमसी शिमला व एचपीसीएल के मुकदमों की भी सरकार की और से पैरवी करते रहे।
जस्टिस संदीप शर्मा-:
20जुलाई1968 को शिमला में जन्में जस्टिस संदीप शर्मा मूल रूप से जिला उना की अंब तहसील के बीजापुर गांव के रहने वाले है।
इनकी स्कूली पढा़ई डीएवी स्कूल संजौली व लालपानी स्कूल से हुई।1993 में हिमाचल प्रदेश विवि से बीए और 1993 में पहली श्रेणी में एलएलबी कीडिग्री हासिल की।1993 में ही इन्होंने बतौर एडवोकेट हिमाचल बार काउंसिल में पंजीकरण कराया।1996 तक इन्होंने सीनियर एडवोकेट स्व. पीए शर्मा के चैंबर में प्रैक्टिस की।इसके बाद इन्होंने इंडिपेंडेंट प्रैक्टिस शुरू कर दी । ये बीएसएनल,यूजीसी,आर्म्ड फोर्सिस के अलावा सरकार की ओर से सीबीआई की पैरवी भी करते रहे।इन्हें 2004 में 36 साल की उम्र में असिसटेंट सालिसटर जनरल के पद पर नियुक्ति दे दी गई व ये उस पर पर 2014 तक रहे है।इन्हें जून 2014 में सीनियर एडवोकेट बना दिया गया।।
जसिटस चंद्र भूषण बारोवालिया-:
15मार्च1961 को जन्में जस्टिस चंद्र भूषण बारोवालिया ने संजौली कॉलेज से बीएससी मेडिकल की परीक्षा पास की।इसें बाद हिमाचल विवि से एलएलबी,पीजीडीपीएम की पढ़ाई की।
जस्टिस बारोवालिया ने हिमाचल हाईकोर्ट में नवंबर 1984 से जनवरी 2003 तक प्रैक्टिस की । ये पंचायती राज अधिनियम पर लिखी कमेंटरी के सह लेखक भी रहे ।ये हिमाचल हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के दो बार नगातार उपाध्यक्ष् रहे। इसके अलावा व बीएसएनल समेत कई संस्थाओं के पैनल पर बतौर वकील रहे।10 जनवरी 2003 को ये एडिशनल सेशन जज नियुक्त हुए व कई जिलों में सेशन जज रहे । इसके अलावा जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष के पद भी रहे।इससे पहले ये हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल थे।
इन नियुक्तियों के बाद हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में अब 13 में से 11 जज तैनात हो गए है। मुख्य न्यायाधीश को छोड़ कर बाकी सभी जज हिमाचल से ही है व अधिकांश ने हिमाचल हाईकोर्ट में ही प्रैक्टिस भी की है।ये अपने आप दिलचस्प है।
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