शिमला।देश की महिला किसानों को अगले तीन सालों में खेत खलियानों में ड्रोन उड़ाते हुए देखा जा सकता हैं। अगले तीन सालों में केंद्र सरकार ने 15 हजार ड्रोन देश के महिला समूहों को मुहैया कराने खाका बुना हैं।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विकसित भारत संकल्प यात्रा के लाभार्थियों से बातचीत की व महिला किसान ड्रोन केन्द्र का शुभारंभ भी किया।
आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले के एक स्वयं सहायता समूह की सदस्य कोमलापति वेंकट रावनम्मा ने कृषिगत उद्देश्यों के लिए ड्रोन उड़ाना सीखने का अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण पूरा करने में उन्हें 12 दिन लगे।
प्रधानमंत्री द्वारा गांवों में कृषि के लिए ड्रोन के उपयोग के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इससे समय की बचत के साथ-साथ पानी की समस्या से निपटने में मदद मिलती है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि वेंकट जैसी महिलाएं उन लोगों के लिए एक उदाहरण हैं जो भारत की महिलाओं की शक्ति पर संदेह करते हैं। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में कृषि क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बनकर उभरेगा। उन्होंने विकसित भारत संकल्प यात्रा में महिलाओं की भागीदारी के महत्व को भी रेखांकित किया।
केंद्र सरकार का दावा है कि यह ड्रोन केन्द्र महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन प्रदान करेगा ताकि वे इस तकनीक का उपयोग आजीविका सहायता के लिए कर सकें। अगले तीन सालों के दौरान महिला स्वयं सहायता समूहों को 15 हजार ड्रोन मुहैया कराए जाएंगे। महिलाओं को ड्रोन उड़ाने और उपयोग करने के लिए जरूरी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। यह पहल कृषि में प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रोत्साहित करेगी।
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