शिमला।आर्थिक संकट से जूझ रही प्रदेश की वीरभद्र सिंह सरकार ने एक ही साल में विभिन्न करों को एकत्रित करने के मामले में प्रदेश के खजाने को छह सौ करोड़ का चूना लगा दिया हैं। ये केवल एक साल का आंकड़ा हैं जो कैग ने अपनी रिपोर्ट उजागर किया हैं।
विधानसभा में कैग की रिपोर्ट को आज पटल पर रखा गया जिसमें कई चौंकानें वाले कांड उजागर किए गए हैं। कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2015 -2016 के दौरान बिक्री कर,वैट,राज्य आबकारी कर, मोटर वाहन कर,माल व यात्री कर और वन विभाग से हासिल की जाने वाली राशि में से 585 करोड़95 लाख रुपए का नुकसान कर दिया हैं। कैग ने कहा कि सरकार ने कम राशि उगाही।
कैग रिपोर्ट में कहा गया हैं कि संबंधित विभागों ने 664 मामलों 182करोड़ 20 लाख की कमियों को स्वीकार किया हैं जिसमें से 23 करोड़ 6 लाख की वसूली की गई हैं।
कैग रिपोर्ट में बिक्री और वैट में 56 करोड़ 76लाख की अनियमितताएं सामने आई हैं। आयकर विभाग ने बिक्री कर और वैट के 51करोड़ 40 लाख की पटटा राशि को टोल वैरियरों के पटटेदारों से बसूलने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की ।
कैग ने धूमल व वीरभद्र सिंह सरकारों के समय के कांडों को भी उजागर किया हैं। रिपोर्ट में कहा गया हैं कि2005-6 से लेकर 2013-14 तक नौ व्यापारियों से 30 फीसद के स्थान पर 4से 11 फीसद के हिसाब से कर लगाकर 54 लाख की राशि वसूल नहीं की। इसके अलावा 41लाख का ब्याज भी नहीं वसूला ।
यही नहीं अफसरों ने अमान्य, डुप्लीकेट, और त्रुटिपूर्ण दस्तावेजों को मंजूर कर व करो में छूट व रियायत देने के १५ मामलों में सरकार के खजाने को 47 लाख 90 हजार का चूना लगा दिया। इसके अलावा 41 लाख 83 हजार ब्याज भी नहीं वसूला ।
एक व्यापारी पर 6 करोड़ 91 लाख रुपया का प्रवेश कर लिया जाना था लेकिन उससे 3 करोड़ 40लाख का ही प्रवेश कर वसूला । ऐसे में 3 करोड़ 51 लाख रुपए का लाभ उसे दे दिया गया।
आबकारी फीस,लाइसेंस फीस, ब्याज व बाकी अनियमितताएं कर करीब 16 करोड़ 68 लाख का घोटाला कर दिया।
29 लाइसेंसधारियों से 8 करोड़ 59 लाख रुपए कम वसूले गए व सरकार के खजाने को नुकसान पहुंचा दिया। इसके अलावा 1 करोड़3 लाख रुपए का ब्याज भी नहीं वसूला गया। 451बिक्री केंद्रों के लाइसेंसधारियों ने 2016928 प्रूफ लीटर कम शराब उठाया इसकी एवज में 5 करोड़ 34 लाख अतिरिक्त फीस वसूली जानी थी। इसे नहीं वसूला गया। यही नहीं लाइसेंस फीस का 76करोड़ 39 लाख का भुगतान बिलंब से किया गया इसकी एवज में 99 लाख 61 हजार की ब्याज 109 बिक्री केंद्रों से नहीं मांगी गई।
आबकारी व कराधान विभाग ने केबल आपरेटरें से 55 लाख का मनोरंजन कर नहीं उगाहा।
परिवहन विभाग ने 2012 -13 से 2014 -15 के लिए 11018 वाहनां से 4 करोड़ 9 लाख रुपए का टोकन टैक्स मांगा ही नहीं । यही नहीं एचआरटीसी ,प्राइवेट और बाकी कैरिजों से 1करोड़53 लाख रुपए का रोड टैक्स नहीं वसूला।
वन विकास निगम ने रॉयल्टी का रेट गलत निर्धारित किया और 8करोड़ 30लाख का घोटाला कर दिया।
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