शिमला। पूर्व वीरभद्र सिंह सरकार में बतौर एसपी विजीलेंस धर्मशाला पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल,उनके बेटे अनुराग ठाकुर व एचपीसीए के बाकी पदाधिकारियों की एचपीसीए की कारगुजारियों की जांच करने वाले आइपीएस अधिकारी विमल गुप्ता को जयराम सरकार ने दो साल तक हाशिए पर रखने के बाद अब पदोन्नत कर उप पुलिस महानिरीक्षक अपराध के तौर पर तैनाती दी है। विमल गुप्ता हिमाचल पुलिस सेवा के अधिकारी थे वह 2006 में आइपीएस के काडर में आ गए थे।इस तैनाती को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।गुप्ता को नई सरकार बनने के कुछ महीनों बाद जंगलबेरी हमीरपुर वाहिनी का कमांडेंट लगाया गया था। याद रहे एचपीसीए के तमाम मामलों को सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की याचिका पर रदद कर दिया था।सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में कुछ अधिकारी जो ततकालीन वीरभद्र सिंह सरकार में मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात थे को मुजरिम नहीं बनाया गया है।
दिलचस्प तौर पर जयराम सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इन मामलों को वापस लेने की दरख्वास्त भी दी थी। लेकिन अनुराग ठाकुर ने अर्जी थी कि इस इन मामलों का मेरिट के आधार पर निपटारा किया जाए। अनुराग ठाकुर ने इस मामल में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को व्यक्तिगत तौर पर वादी बनाया था।
जयराम सरकार ने गुप्ता समेत सात आइपीएस अधिकारियों को पदोन्नत किया। इनमें भारतीय पुलिस सेवा के 1995 बैच के एन बेनुगोपाल को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के पद पद पदोन्न्त किया गया है। उन्हें आर्म्ड पुलिस एंड ट्रेनिंग का जिम्मा दिया गया है।1993 बैच के ऋतविक रूद्रा,1994बैच के राकेश अग्रवाल और 1995 बैच के एसपी सिंह को परफोरमा के आधार पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के पद पर पदोन्न्त किया है।
इसके अलावा डीआइजी आसिफ जलाल को आइजी के पद पर पदोन्न्त कर आइजी साउथ रेंज बनाया गया है। जलाल भारतीय पुलिस सेवा के 2002 बैच के अधिकारी है। 2003 बैच के आइपीएस अधिकारी रामेश्वर शर्मा जो अभी तक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे को उनकी वापसी पर उन्हें सीआइडी में एनसीबी शिमला का डीआइजी लगाया है।सोलन के एसपी व2006 में आइपीएस काडर में आए मधुसूदन को भी पदोन्न्त कर डीआइजी बनाया गया है। इसके अलावा कई अधिकारियों को अतिरक्त कार्यभार भी दिया गया ीहै। इसके बाद एएसपी पद के अधिकारियों की पदो न्नतियों भी होनी है।
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