शिमला। पांच दिनों तक लगातार मुख्यालय में पूछताछ करने के बाद आज विजीलेंस ने केसीसी बैंक कर्ज मामले में आरोपी कांग्रेस नेता युद्ध चंद बैंस को दी गई अंतरिम जमानत को रदद करने का अदालत से आग्रह किया।
विजीलेंस की ओर से दायर अपनी रपट में कहा गया कि बैंस इस मामले में जांच में सहयोग नहीं कर रहा है और वो मीडिया में तमाम तरह के दावे कर जमानत शर्तों का उल्लंघन कर रहा है। ऐसे में उसे दी गई अंतरमि जमानत को रदद कर उसकी कस्टडी विजीलेंस को दी जाए ताकि मामले की तह तक जाए जा सके।
उधर, बैंस की ओर पैरवी कर रहे वकीलों ने अदालत से स्टेटस रपट का अध्ययन करने का समय मांगा। मामले की सुनवाई जस्टिस बिपिन चंदर नेगी की अदालत में हुई। अदालत ने अब मामले की अगली सुनवाई 31जनवरी को निर्धारित की है।
जस्टिस नेगी ने अपने आदेश में लिखा-: Status report stands filed. The same is taken on record.
Copy, whereof, has been supplied to learned counsel for thepetitioner, who intends to go through the same.List for consideration, on 31.01.2025.
उधर, सरकार के वकील के मुताबिक युद्ध चंद बैंस की अंतरिम जमानत रदद करने के लिए अगली सुनवाई को अर्जी दाखिल की जाएगी।
याद रहे विजीलेंस ने आठ जनवरी को ऊना में 20 करोड़ के केसीसी बैंक कर्ज मामले धारा 420 और 120बी समेत कई धाराओं के तहत एफआइआर दर्ज की थी। बैंस ने दूसरे दिन ही हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से 9 जनवरी को अंतरिम जमानत ले ली थी। उसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री सुक्खू और उनकी टोली पर ताबड़तोड़ इल्जाम लगा कर सनसनी फैला दी।
पूछताछ के दौरान भी उन्होंने विजीलेंस को दिए बयान में ये कहा था उनने मुख्यमंत्री व बाकियों के खिलाफ इडी में भ्रष्टाचार को लेकर शिकायत दर्ज करा रखी है। इसलिए उनके खिलाफ ये एफआइआर दर्ज की गई है।
वह 18 जनवरी से 23 जनवरी तक संडे को छोड़ कर लगातार विजीलेंस मुख्यालय में पूछताछ के लिए हाजिर रहे व उन्हें सुबह 11 बजे बुला लिया जाता था और शाम को छह बजे के बाद छोड़ा जाता रहा। बीती रात तो उन्होंने एक वीडियो जारी कर दिया जिसमें उनने दावा किया कि कोई गाड़ी उनका पीछा कर रही है। ये लोग उन्हें गोली मारना चाहते हैं।
चूंकि मामला हाइप्रोफाइल है तो इस पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं।
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