शिमला। प्रदेश विजीलेंस ब्यूरो ने भाजपा सांसद वीरेंद्र कश्यप के खिलाफ कैश आन कैमरा मामले में आज एफआईआर दर्ज कर दी है।एफआईआर विजीलेंस ब्यूरो के शिमला थाने में की गई है। चुनावों से ऐन पहले दर्ज की गई इस एफआईआर से भाजपा के शिमला लोकसभा हलके से घोषित प्रत्याशी वीरेंद्र कश्यप मुश्किलों में आ गए है। 2009 के लोकसभा चुनावों से पहले वीरेंद्र कश्यप का एक स्टिंग आपरेशन किया गया था। जिसमें वीरेंद्र कश्यप को एक शिक्षण संस्थान को मंजूरी दिलाने के बदले में पैसे लेते हुए दिखाया गया था।इसके बाद प्रदेश में लोकसभा चुनाव घोषित हो गए और वीरेंद्र कश्यप भाजपा के टिकट पर चुनाव जीत गए।
इस बीच धूमल सरकार ने इस मामले की पुलिस से जांच करा दी ।पुलिस ने वीरेंद्र कश्यप को क्लीन चिट दे दी गई ।
आरटीआई एक्टिविस्ट देवाशीष भटटाचार्य ने इस मामले में प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी और वीरेंद्र कश्यप के मामले में पुलिस की ओर से 2 मार्च 2010 में दी गई जांच रिपोर्ट को रदद करने की गुहार लगाई थी। भटााचार्य ने इस मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की थी। याचिका में कहा गया था कि इस मामले में सीडी को सीएसएफएल से रिपोर्ट ही नहीं ली गई । इसके अलावा कश्यप के वायस सैंपल भी नहीं लिए गएऔर वीरेंद्र कश्यप को क्लीन चिट दे दी गई।
प्रदेश हाईकोर्ट ने इस मामले पर वीरेंद्र कश्यप और सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। तब से लेकर विजीलेंस ब्यूरो इस मामले की जांच करता रहा है और इस मामले में लीगल ओपिनियन भी लिया गया।
प्रदेशमें आचार संहिता लगने के बाद आज इस मामले में एफआईआर दर्ज कर दी है।डीआईजी विजीलेंस अरविंद शारदा ने कहा कि मामले में एफआईआर दर्ज कर दी गई है।
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