सहकारिता सचिव की शिकायत पर दर्ज हुआ मामला
शिमला। सरकार के करीबियों का बहुत कुछ इडी की चौखट पर पहुंचा चुके मंडी के युद्ध चंद बैंस पर सुक्खू की विजीलेंस ने शिकंजा कस दिया है।
हाल ही में विजीलेंस पहुंचे आइजी विजीलेंस विमल गुप्ता की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक विजीलेंस ने युद्ध चंद बैंस और कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420,468,471, 120बी और भ्रष्टार निरोधक कानून की धारा 13(1)(ए) और 13(2) के तहत एफआइआर दर्ज कर दी है।
सुक्खू की विजीलेंस ने ये बड़ा धमाका किया है। अब बैंस को लेकर केंद्रीय एजेंसियों यानी इडी व प्रदेश की विजीलेंस का आमना –सामना होने वाला है। इसके अलावा राजनीति में भूचाल आने वाला है।
बैंस की प्रदेश कांग्रेस में किस गुट के साथ नजदीकियां रही है ये सबको पता है।
विजीलेंस ने ये एफआइआर ऊना में दर्ज की है। बैंस ऊना में मैसर्स हिमालय स्नो विलेज और मैसर्स होटल लेक पैलेस के मालिक है।हालांकि मूल रूप से वो मंडी के रहने वाले है व पूर्व में जिला स्तर पर कांग्रेस के पदाधिकारी भी रह चुके है।
ये है मामला
प्रदेश सरकार के सचिव सहकारिता ने शिकायत कराई थी कि युद्ध चंद बैंस ने केसीसी बैंक से कई कर्ज लिए और बैंकों के अधिकारियो ने बैंक की अपनी कर्ज नीतियों के साथ-साथ भारतीय रिजर्व बैंक और नाबार्ड के दिशा निर्देशों की भी खुलेआम अवहेलना की है।
एफआइआर में कहा गया है कि बैंक ने 20 करोड़ रुपए का वितरण सीधे उधारकर्ताओं को किया है।
इस मामले में विजीलेंस ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 17 ए की मंजूरी मिलने के बाद सहकारिता की सचिव की शिकायत पर विजीलेंस की जांच पूरी करने के बाद एफआइआर दर्ज की है।
याद रहे बीते दिनों बैंस का एक टूअर प्रोग्राम खूब वायरल हुआ था। जानकारी के मुताबिक उनका ये टूअर दिल्ली में ईडी के कार्यालय तक का था। उनके साथ एजेंसी की ओर से बाकायदा पीएसओ दिए गया था। यानी सरकारी सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। अब बड़ा सवाल ये है कि प्रदेश विजीलेंस में उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज हो गई तो क्या केंद्रीय एजेंसी बैंस को सुरक्षा जारी रख सकती है।
इन तमाम मसलों पर अब आने वाले दिनों में भारी घमासान मचने वाला है।
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