शिमला।हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने कांग्रेस नेत्री विद्या नेगी को प्रदेश महिला आयोग का अध्यक्ष नियुक्त कर हालीलाज कांग्रेस की एक और आस को खत्म कर दिया हैं। हालीलॉज के करीबी कांग्रेसियों को उम्मीद थी कि वो सीएम सुक्खू की मांद से महिला आयोग का अध्यक्ष अपने खेमे की किसी नेत्री की झोली में डाल देंगे। लेकिन वो नाकाम रहे।
सुक्खू सरकार आज सत्ता में आने के ढाई साल बाद प्रदेश महिला आयोग के अध्यक्ष के पद पर विदया नेगी की ताजपोशी कर मुख्यमंत्री सुक्खू ने सरकार व संगठन को साफ़ संदेश दे दिया है कि प्रदेश कांग्रेस में होगा वही जो वो चाहेंगे। फिर मामला चाहे सरकार का हो या संगठन का।
याद रहे अभी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की ताजपोशी का मामला लटका ही हुआ हैं। समझा जा रहा है कि प्रदेया कांग्रेस का अगला अध्यक्ष वही होगा जिस पर सुक्खू की सहमति होंगी।
बहरहाल, उधर अब सुक्खू सरकार के ढाई ही साल बचे हैं। ऐसे में विद्या नेगी को महिला आयोग अध्यक्ष की कुर्सी पर काम करने के लिए केवल ढाई साल ही मिलेंगे।वो प्रदेश की पीडि़त महिलाओं,पुरुषों व पार्टी के लिए कितना कुछ कर पाएंगी ये अलग मसला हैं लेकिन सुक्खू सरकार की ओर से इस आयोग को निष्क्रिय रखना सुक्खू सरकार के अलावा कांग्रेस आलाकमान को भी कटघरे में खड़ा करता हैं।
विद्या नेगी जिला कुल्लू से है व कांग्रेस पार्टी से जुड़ी रही हैं। वह महिला कांग्रेस में कई पदों पर काम कर चुकी हैं।वो कुल्लू में कांगेस विधायक भुवनेश्वर गौड़ खेमे से मानी जाती हैं।
याद रहे भारतीय राष्ट्रीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा एक अरसा पहले सुक्खू से प्रदेश के महिला आयोग की अध्यक्ष पद पर किसी की ताजपोयशी करने की गुहार लगा गई थी। लेकिन सुक्खू नहीं माने तो नहीं माने। इसके अलावा संगठन में भी लगातार इस पद को भर कर आयोग को क्रियाशील करने की मांग उठ रही थी। लेकिन वो टस से मस नहीं हुए। हालांकि महिला आयोग क अध्यक्ष की ताजपोशी संविधान के प्रावधानों की जरूरत भी हैं।
इसके अलावा जब प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी रजनी पाटिल प्रभारी बनने के बाद पहली बार प्रदेश के दौरे पर पहुंची थी तो उन्होंने भी मीडिया से कहा था कि महिला आयोग के अध्यक्ष की ताजपोशी तो होनी चाहिए। लेकिन सुक्खू ने तब भी नहीं सुनी ।
कहा तो ये भी जा रहा है कि विद्या नेगी की आलाकमान यानी प्रियंका गांधी तक भी पहुंच है और उसी पहुंच के बदौलत वो इस पद को हासिल करने में कामयाब हुई हैं।
बहरहाल, सुक्खू महिला आयोग में ताजपोशियों की तरह का हाल ही हिमाचल प्रदेश विवि के कुलपति की नियुक्ति को लेकर भी सुक्खू सरकार का रहा। बीते दिनों प्रोफेसर महावीर सिंह को हिमाचल विवि का कुलपति नियुक्त किया गया। पालमपुर और नौणी विवि में स्थाई कुलपति नहीं हैं। ये ठीक है कि सुक्खू पहली बार मुख्यमंत्री बने है लेकिन बहुत से फैसलें तो साधारण से होते हैं। मुख्यमंत्री सुक्खू इन फैसलों को भी नहीं ले पाए हैं। अब ढाई साल बाद जरूर वो ये फैसले कर रहे हैं।
सुक्खू के इन फैसलों को प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की कितनी कीमत चुकानी पड़ेगी ये तो आने वाले समय में ही पता चलेगा लेकिन एक बात साफ है कि अब आलाकमान को दखल जरूर देना चाहिए। बाकी सुक्खू जितने जल्दी गलत फैसले लेंगे और जितनी देरी से सही फैसले लेंगे उसका भाजपा को राजनीतिक लाभ तो मिलेगा ही।
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