शिमला। हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को कर्ज देने से सुर्खियों में आए वक्कामूला चंद्रशेखर की उन्हें आवंटित पावर प्रोजेक्ट को रदद करने के वीरभद्र केबिनेट के फैसले को चुनौती देनी वाली याचिका पर वक्कामूलाा व सरकार को तीन सप्ताह के भीतर जवाब देने के आदेश दिए है। वक्कामूला की वेंचर एनर्जी व टैक्नालाजी लि. की इस याचिका पर अब अगली सुनवाई 2नवंबर को होगी।
सरकार ने वेंचर एनर्जी एंड टैक्नालॉजी लि. को चंबा में 17मेगावाट के साई कोठी हाइडल पावर प्रोजेक्ट आवंटित किया था। लेकिन ये पिछली धूमल सरकार व मौजूदा वीरभद्र सिंह सरकार के समय विवादों में आ गया।इसलिए वीरभद्र सिंह सरकार ने इस प्रोजेक्ट को रदद कर दिया था। इसके खिलाफ वक्कामूला सुप्रीम कोर्ट चले गए। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हिमाचल हाईकोर्ट जाने के निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने उन्हें आवंटित प्रोजेक्ट को रदद करने के खिलाफ वीरभद्र सिंह सरकार को रिप्रेजेंटेशन दिया। लेकिन लंबे समय तक वीरभद्र सिंह सरकार ने उनके रिप्रेजेंटेशन पर कोई फैसला नहीं लिया तो वो हाईकोर्ट चले गए।
हाईकोर्ट ने उनकी याचिका इसलिए खारिज कर दी थी कि ये मामले सरकार के पास लंबित है है इसलिए सरकार को कोई फैसला लेने दो। अगर सरकार उनके खिलाफ फैसला लेती है तो वो दोबारा अदालत कादरवाजा खटखटा सकते है। वक्कामूला ने अपनी याचिका वापस ले ली।अदालत केआदेश के बाद सरकार ने उनके रिप्रेजेंटेशन को खारिज कर दिया। जिसके खिलाफ उन्होंने सीएमपी 3636/2015 हाईकोर्ट में दायर कर दी।हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सरकार को जवाब देने के आदेश दे दिए।
सरकार ने 28 सितंबर को हुई इस मामले की सुनवाई को अपना जवाब दाखिल कर दिया। इस पर जस्टिस संजय करोल व जस्टिस त्रिलोक चौहान ने कहा वक्कामूला को रिज्वाइंडर फाइल करने के आदेश दिए है। इससे पहले प्रदेश हाईकोर्ट 17 अगस्त को इस मामले कीसुनवाई करते हुए सरकार को इस मामले में यथास्थिति रखने के आदेश दिए है।
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