नयी दिल्ली/शिमला। कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से लड़ने के लिए केन्द्र सरकार अहम कदम उठाने जा रही है। इनके तहत देशभर में 20 कैंसर संस्थान स्थापित किए जा रहे हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने हर राज्य में एक कैंसर संस्थान स्थापित करने की जरूरत को रेखांकित करते हुए कहा कि सरकार देशभर में कैंसर से लड़ने की मुहिम को और ज्यादा संबल दे रही है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के केन्द्रों से ज्यादा से ज्यादा कैंसर पीड़ितों को उच्च स्तर का इलाज किया जा सकेगा।
नड्डा ने यहां सिर और गले के कैंसर पर चार दिवसीय वैश्विक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि झज्जर स्थित राष्ट्रीय कैंसर संस्थान जुलाई 2018 से काम करना शुरू करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार प्रतिबद्ध है और कैंसर से निपटने के लिए हर तरह का सहयोग किया जाएगा। हम तीसरी श्रेणी की देखभाल पर विशेष जोर दे रहे हैं और देश के मध्य, उत्तरी तथा पूर्वोत्तर और पूर्वी भागों में 11 नये एम्स शुरू होने वाले हैं जहां कम आधारभूत ढांचे हैं।’’
हिमाचल प्रदेश में फिलहाल कैंसर का इलाज इंदिरा गांधी मैडिकल कॉलेज स्थित रीजनल कैंसर सेंटर शिमला में किया जाता है। यह कैंसर अस्पताल रोगियों की तादाद को देखते हुए अब विस्तार की मांग कर रहा है। साथ ही नई तकनीक की मशीनों की राह देख रहा है। इसकी स्थापना सन् 1977 में की गई थी और सन् 1986 में यहां पर 25 बिस्तरों का वार्ड बनाया गया था। वर्तमान में इनकी संख्या पचास से अधिक है और यह मरीजों की तादाद को देखते हुए काफी कम है।
रीजनल सेंटर की वेबसाइट के मुताबिक हर साल यहां पर 2300 के करीब रोगी इंडोर दाखिला लेते हैं जबिक ओ.पी.डी. में तकरीबन 2400 मरीज आते हैं। ये सेंटर दो प्रोफेसर और तीन असिस्टेंट प्रोफेसर के कंधों पर चल रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक हिमाचल में फेफड़े के कैंसर के 95 प्रतिशत और सिर और गले के 70 प्रतिशत कैंसर रोगियों को यह बिमारी धुम्रपान की वजह से होती है।
रिपोर्ट- सी के सिंंह
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