शिमला।आधा दर्जन के करीब वरिष्ठ आईएएस अफसरों को नजरअंंदाज कर चीफ सेक्रेटरी बनाए गए मुख्य सचिव वीसी फारका के खिलाफ वरिष्ठ आईएएस अफसर दीपक सानन और विनीत चौधरी ने कैट का दरवाजा खटखटा दिया हैं। दीपक सानन इस महीने 31 जनवरी को रिटायर होने वाले है जबकि विनीत चौधरी 2018 में रिटायर होंगे। फारका कोचीफ सेक्रेटरी बनाए जाने से दीपक सानन,विनीत चौधरी और उनकी बीवी उपमा चौधरी ने फारका को रिपोर्ट करने से इंकार कर दिया था और सब छुटटी पर चले गए थे।
उपमा चौधरी को मोदी सरकार ने डेपुटेशन में लेकर एडजेस्ट कर दिया लेकिन दीपक सानन और विनीत चौधरी बच गए । ये दोनों छुटटी पर चल रहे हैं।
ऐसे में इन दोनों ने खुद से जूनियर आइएएस फारका को चीफ सेक्रेटरी बनाने के वीरभद्र सरकार के फैसले को कैट में चुनौती दे दी है व मामले की पहली सुनवाई पांच जनवरी को होनी हैं।
याचिका में इन दोनों अधिकारियों ने अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्सनल को लपेटे में लिया हैं व उन पर मुख्यमंत्री को गुमराह करने का इलजाम लगाया हैं। इसके अलावा भी सरकार के कई कारनामों को याचिका में जिक्र हैं।
गौरतलब हो कि दीपक सानन भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के विभिन्न मामलों में आरोपी हैं व अदालत में पेश किए चालान में उनका जिक्र हैं।ऐसे में सरकार के पास जवाब है कि उन्हें वरिष्ठ होने के बावजूद इसलिए चीफ सेक्रेटरी नहीं बनाया गया हैं। हालांकि सानन के पास इसका भी जवाब हैं।
इसके अलावा विनीत चौधरी के खिलाफ मैग्सेसे अवार्डी भारतीय वन सेवा के अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने अदालत में मामले दायर कर रखे हैं। उनके खिलाफ मोदी सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय में भी कुछ चार्जशीटें लंबित थी। लेकिन अब उन्हें उन से क्लीयर कर दिया गया हैं।
चूंकि वोफारका से वरिष्ठ हैं तो उनको लेकर सरकारको जवाब देना मुश्किल होगा। चीफ सेक्रेटरी कीरेस में 1983 बैच की अफसर उपमा चौधरी पर कोई आरोप नहीं था उनकी एसीआर भी फारका से कहीं कम नहीं थी। वीरभद्र सिंह सरकार ने उनको भी नजरअंदाज कर अपने चहेते व भरोसे के अफसर फारका को चीफ सेक्रेटरी लगा दिया।
तभी से ये अफसर कुछ न कुछ करने की फिराक में थे। लेकिन ये अब जााकर कैट पहुंचे हैं। अब देखना ये है कि कैट में सरकार क्या जवाब देती हैैं। ये दिलचस्प होगा और कई कुछ सामने आएगा।
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