शिमला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सरकार के चुनावी साल में उनके स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर के स्वास्थ्य विभाग में फर्नीचर का कारोबार करने वाली देश की नामी कंपनी गोदरेज को दो करोड़ 20 लाख का ठेका देने का कांड सवालों में आ गया हैं।
बताते हैं कि राजधानी के मालरोड़ पर एक कारोबारी की इस ठेके को गोदरेज कंपनी को दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई व स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों को आइने में उतारा ।
बहरहाल,अस्पतालों के लिए फर्नीचर खरीद के इस सवा दो करोड़ के ठेके में हुए भारी गोलमाल को अस्पतालों को फर्नीचर व बाकी उपकरणों के सप्लायर राजधानी में पदमदेव परिसर से अपना कारोबार चलाने वाले भास्कर सर्जिकल के प्रमुख राकेश भास्कर ने पब्लिक कर दिया हैं।
वो सोमवार को मीडिया से रूबरू हुए व खुलासा किया इस खरीद में सीवीसी के दिशा निर्देशों को खुल्लम खुला उल्लंघन हुआ हैं। इस खरीद के लिए 20 तारीख को टेंडर मंगवाए गए और 30 तारीख को वापस ले लिए व ठेका गोदरेज को दे दिया।
राकेश भास्कर ने कहा कि विभाग ने इस खरीद में सरकार की ओर से जारी 16 जनवरी 2017 को जारी की अधिसूचना को सरेआम अवहेलना कर दी। अतिरिक्त मुख्य सचिव वित की ओर से जारी इस अधिसूचना में में कहा गया था कि कोई भी विभाग बोर्डों व निगमों के मार्फत वही खरीद करेगा जिसमें पारदर्शीतौर पर बोली लगी हो। इसके अलावा कंट्रोलर ऑफ स्टोर दरों को जल्दी से जल्दी अंतिम रूप देगा।कंट्रोलर ऑफ स्टोर ब्राडेंड उत्पादों की दरें सीधे निर्माणकर्ताओं से मंगवाएगा व कंपीटेंट अथारिटी से मंजूरी लेकर दरें फिक्स करेगा।
राकेश भास्कर ने कहा कि अस्पताल फर्नीचर की खरीद के लिए स्पेशल सेक्रेटरी हेल्थ के अध्यक्षता में स्पॉट कमेटी गठित की । इस बीच आईजीएमसी के सहायक नियंत्रक वित व लेखा ने 7मार्च 2017को इमेल से चार सप्लायर्स जनक हेल्थकेयर मिडमार्क,कोगनेट, गोदरेज और मेडिलाइट को रिपन अस्पताल, शिमला, जीएमसी नाहन व जीएमसी चंबा में अस्पताल फर्नीचर की खरीद के लिए सीमित टेंडर भेजे।
केवल जनक हेल्थकेयर ने बोली प्रक्रिया में भाग लिया व कम समय देने पर विरोध जताया। नतीजतन रेट देने के लिए 20 मार्च तक अवधि को बढ़ा दिया गया।
लेकिन सरकार ने हिमफेड के मार्फत सरकार के अपने निर्देशों का उल्लंघन कर बिना टेंडर के खरीद को हरी झंडी दे दी।हिमफेड ने कंपीटेटिव बोलियों को नजरअंदाज कर उपरोकत् तीन मेडिकल संस्थानों में 15-18 करोड़ की खरीद के लिए गोदरेज के रेट दे दिए।
अस्पताल फर्नीचरखरीद के लिए किसी भी कंपनी से रेट कांट्रेंट नहीं है। इस बीच हिमफेड के एमडी को रिपन के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक ने गोदरेज के परफोर्मा इनवॉयस मुहैया कराने के लिए 6अप्रैल को चिटठी लिखी।इस बीच प्रधान सचिव स्वास्थ्य ने गोदरेज से खरीद के लिए सरकार की मंजूरी से हिमफेड के एमडी को अवगतकरा दिया।
भास्कर ने सवाल उठाया कि इतनी बड़ी खरीद के लिए किसने मंजूरी दी। ये कंपीटेंट अथारिटी हेल्थ मंत्री कौल सिंह हैं या मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह खुद है।
भास्कर ने कहा कि वो इस ठेके को लेकर डायरेक्टर हेल्थ से भी मिले।उन्होंने दावा किया निदेशक ने कहा कि उन पर उपर से प्रैशर हैं।
भास्कर ने सवाल उठाया कि जब टेंडर मंगवाएं तो बिना उन्हें खोलें ही गोदरेज को ठेका देने की क्या वजह हैं। गोदरेज का पक्ष क्यों लिया गया। इससे किसे लाभ देने का काम किया गया हैं। उन्होंने कहा कि वो पारदर्शिता के पक्षधर हैं ताकि प्रदेश का भला हो सकें।
उधर, अंदर के सूत्र बताते हैं कि माल रोड़ के एक कारोबारी के जुगाड़ करने पर ये ठेका गोदरेज को दिया गया हैं। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती।
बहरहाल भास्कर ने कहा कि वो इस मामले की विजीलेंस जांच की मांग करेंगे व मामले को हाईकोर्ट तक ले जाएंगे।
भास्कर कुछ करे या न करे। लेकिन चुनावी साल में इस तरह की खरीद में इस तरह की धांधलियां कांग्रेस पार्टी के लिए घातक साबित होंगी।
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