शिमला। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने डाक्टरों को आगाह किया है कि वह कोविड-19 मरीजों को उचित और सामयिक उपचार सुनिश्चित करें अगर इसमें किसी भी तरह की लापरवाही हुई तो उसे गम्भीरता से लिया जाएगा। वह आज यहां प्रदेश के सभी उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए निर्देश दे रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सकों और पेरामेडिकल कर्मियों को कोविड-19 मरीजों की चिकित्सा के लिए मानवीय दृष्टिकोण और उचित नैदानिक प्रोटोकाल अपनाएं।। अस्पतालों में आक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के अलावा जरूरी दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने प्रदेश में कोविड-19 के कारण हो रही मृत्यु की संख्या में हो रही वृद्धि पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि वरिष्ठ चिकित्सकों और विशेषज्ञों को ऐसे मरीजों के उपचार में विशेष ध्यान देना चाहिए और उन्हें बेहतरीन चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कोविड के कारण हो रही मृत्यु दर प्रति सौ मरीजों में 0.46 फीसद है,जो कि राष्ट्रीय दर 100 में 1.8 फीसद लोगों की मृत्यु से काफी कम है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि लक्षणरहित मरीजों के लिए होम आइसोलेशन सुविधा को बढ़ावा दिया जाना चाहिए क्योंकि इससे न केवल कोविड-19 समर्पित अस्पतालों का कार्यभार कम होगा बल्कि उन्हें घर का वातावरण भी उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि आशा और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को ऐसे रोगियों की स्वास्थ्य जांच के लिए उनके घरों पर प्रतिदिन जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 मरीजों के माइक्रो कन्टेन्मेंट जोन चिन्हित किए जाए ताकि इन क्षेत्रों में बेहतर प्रबन्धन सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि जुखाम जैसे लक्षणों वाले सैलानियों को प्रदेश में आने की अनुमति न दी जाए। केवल उन्हीं सैलानियों को प्रदेश में आने की अनुमति दी जाए जो राज्य सरकार की ओर से जारी किए गए दिशा निर्देशों का पालन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सीमावर्ती जिलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी बिना मान्य अनुमति के जिलों में प्रवेश न कर सकें और सभी सीमावर्ती क्षेत्रों की विशेष निगरानी की जाए। उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाइयां भी उनके कामगारों की आवाजाही के लिए राज्य सरकार की ओर से जारी किए गए दिशा निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें। प्रदेश में आने वाले मजदूरों की चिकित्यीय जांच और क्वारंटीन में रखने के बाद ही उन्हें खेतों और विभिन्न परियोजनाओं में कार्य करने की अनुमति दी जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस बद्दी को औद्योगिक कामगारों की आवाजाही पर सख्त निगरानी रखने के लिए गृह रक्षक जवानों की अतिरिक्त टुकड़ी प्रदान की जाएगी।
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