शिमला। प्रदेश सरकार ने ठियोग में पिछली गर्मियों में पीने के पानी की आपूर्ति के लिए लगाए गए टैंकरों में करोड़ों रुपयों का घोटाला करने की जांच अब विजीलेंस के हवाले कर दी गई है।विभाग ने इस मामले एफआइआर दर्ज कर जांच करने के आदेश दिए हैं।
इसके अलावा इस मामले में सरकार ने आइपीएच विभाग के दस इंजीनियरों को निलंबित भी कर दिया है। इनमें आइपीएच विभाग के मतियाना के एक्सइन अशोक कुमार भूपाल, कसुम्प्टी डिविजन के एक्सइन बसंत सिंह, इनके अलावा मतियाना व कोटी के एसडीओ पुनीत ठाकुर और राकेश कुमार शामिल है। विभाग ने ततकालीन के एसडीओ विवेक शर्मा जो अब कोटगढ़ में एसडीओ को भी निलंबित कर दिया है।
इसके अलावा ठियोग, लाफू घाटी,मतियाना, धरेच के कनिष्ठ अभियंता मस्त राम बरागटा, सुरेश कुमार और सुनील कुमार को भी निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए है। इस घोटाले में इन नौ अभियंताओं के अलावा सेवा निवृत हो चुके जेई सुदर्शन की भी संलिप्तता पाई गई है।
संयुक्त सचिव आइपीएच या जल शक्ति विभाग राम पाल वर्मा ने https://reporterseye.com से कहा कि इस मामले को अब विजीलेंस के हवाले कर दिया है व विजीलेंस अब इस मामले में नियमित जांच करेगी। जांच अधिकारी की रपट भी विजीलेंस को भेज दी गई है।
याद रहे इस मामले को वामपंथी नेता और पूर्व माकपा विधायक राकेश सिंघा ने उजागर किया था। उन्होंने आरटीआइ से हासिल की जानकारी ली थी जिसमें पाया गया था के पीने का पानी जिन वाहनों में ढोया गया उनमें वाटर टैंकर के अलावा बाइक, कारें व विभाग के एक अफसर का वाहन भी शामिल था।
इस मामले की डिप्टी मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विभागीय जांच के आदेश दिए थे। आज जांच करने के बाद जांच अधिकारी अधीक्षक अभियंता ने अपनी रपट सरकार को सौंप दी व सरकार ने इस जांच रपट को विजीलेंस को सौंप दिया है।
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