शिमला। मुख्यमंत्री जयराम ने आज दस निगमों व बोर्डों के अध्यक्षों व उपाध्यक्षों की नियुक्ति कर साफ संकेत दे दिया है कि वह कुनबा तो अपना ही बनाएंगे। खास कर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल व उनके परिवार को साफ कर दिया गया है कि न पार्टी पर व न ही सरकार पर अब इस परिवार का वो पहले जैसा दबदबा हैं।
नवरात्रों में निकली दूसरी सूची में गणेश दत को छोड़ कर बाकी सभी वो नेता अध्यक्ष व उपाध्यक्ष बनाए गए हैं जो धूमल से या तो नाराज चल रहे हैं या किनारा कर चुके हैं। दिलचस्प यह है कि सबसे ज्यादा मलाईदार निगम
राज्य विकास पर्यटन निगम का जिम्मा शाम तक किसी को भी नहीं दिया गया हैं। इस पद पर नूरपूर से भाजपा विधायक राकेश पठानिया की नजर लगी हुई हैं।
आज तैनात किए गए अध्यक्षों व उपाध्यक्षों में मुख्यमंत्री जयराम ठाकु र के इन दिनों बेहद करीबी चल रहे सिरमौर से भाजपा नेता व शिलाई से भाजपा के पूर्व विधायक बलदेव तोमर को हिमाचल खाद्य व आपूर्ति निगम का उपाध्यक्ष बनाया गया हैं। वह शांता समर्थक किश्न कपूर के साथ काम करेंगे। किश्न कपूर जयराम मंत्रिमंडल में खाद्य आपूर्ति मंत्री हैं।
किन्नौर से शांता समर्थक भाजपा नेता सूरत सिंह नेगी को तरजीह दी गई हैं। यहां से पूर्व विधायक व धूमल खेमे के बेहद करीबी तेजवंत नेगी को हाशिए पर धकेल दिया गया हैं। सूरत सिंह नेगी को वन निगम का उपाध्यक्ष नियुक्त कियश गया हैं। पिछल्ली सरकार में इस पद पर वीरभद्र के करीबी केवल सिंह पठानिया तैनात थे। अब देखना है कि सूरत सिंह नेगी क्या पठानिया की कारगुजारियों को उजागर कर पाते हैं या नहीं ।
इन दिनों पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल से नारज चल रहे पूर्व विधायक विजय अग्निहोत्री को हिमाचल परिवहन निगम का उपाध्यक्ष बनाया गया हैं। वह परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर के अधीन काम करेंगे। जब धूमल सता में थे तो विजय अग्निहोत्री उनके खास हुआ करते थे। लेकिन विधानसभा चुनाव में हार जाने के बाद उन्होंने धूमल से किनारा कर लिया। जयराम ने उन्हें उपाध्यक्ष बनाकर हमीरपुर में अपनी पकड़ बनाने का काम किया हैं।
1998 से लेकर 2003 की हिविकां -भाजपा गठबंधन सरकार के दौरान धूमल के हनुमान कहे जाने वाले पूर्व मंत्री प्रवीण शर्मा को हिमुडा का उपाध्यक्ष बनाया गया हैं। पूर्व की धूमल सरकार में यह ओहदा भाजपा प्रवक्ता गणेश दत के पास था। यह भी महत्वपूर्ण महकमा हैं। प्रवीण शर्मा को 2012 में भाजपा का टिकट नहीं मिला था। इसलिए वह धूमल से खफा हो गए। अंदरखाते यह नाराजगी आज भी जारी हैं।
ऊना के संतोषगगढ़ से नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री से हार जाने वाले राम कुमार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता रहे हैं। उनका संघ से भी नाता रहा हैं। उन्हें एचपीएसआइडीसी का उपाध्यक्ष लगाया गया हैं।
जबकि कुल्लू से राम सिंह को एचपीएमसी का उपाध्यक्ष लगाया गया हैं। वह कुल्लू में भाजपा के वरिष्ठ नेता महेश्वर सिंह के से मोर्चा लेते रहे हैं। वहां उनका ठीक ठीक दखल भी हैं। बददी से दर्शन सिंह सैनी को हिमाचल जल प्रबंधन बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाया गया हैं। जबकि कांगड़ा से मनोहर धीमान को जीआइसी का उपाध्यक्ष लगाया गया हैं। धीमान भी एक अरसे से धूमल से किनारा कर चुके हैं।
धूमल खेमे से केवल भाजपा प्रवक्ता रहे गणेश दत को हिमफेड का अध्यक्ष नियुक् किया गया हैं। पिछल्ली धूमल सरकार में वह हिमुडा के अध्यक्ष हुआ करते थे।
महिलाओं में रूपा शर्मा को इसी सरकार में गठित किए गए सक्षम गुडिया बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाया गया हैं। रूपा शर्मा महिला भाजपा की सक्रिय नेता रही हैं। वह फिलहाल किसी खास खेमे से चिन्हित नहीं हैं।
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