धर्मशाला/ तपोवन । सदन की अवमानना के मामले में शेष सत्र के लिए निलंबित किए गए भाजपा के तीन विधायकों सुरेश भारदवाज ,राजीव बिंदल और रणधीर शर्मा को विधानसभा परिसर में आने से पुलिस ने रोक दिया । उनकी गाड़ी को रोक दिया गया । इसके बाद जब भाजपा विधायक दल उन्हें विधानसभा परिसर में दबाव बनाकर ले आया तो डियूटी मजिस्ट्रेट के हाथ उन्हें नोटिस भेज दिया।
। इस पूरे ड्रामें के बीच तीनों विधायक विधानसभा के गेट नंबर एक पर धरने पर बैठ गए व सुबह जब डियूटी मजिस्ट्रेट की ओर से नोटिस दिया जा रह था तो विधायकों ने नोटिस लेने से इंकार कर दिया।
सुबह प्रश्न काल शुरू होने से पहले भाजपा सदस्यों ने इस मसले को उठाने का प्रयास किया लेकिन स्पीकर बृज बिहारी बुटेल ने भाजपा सदस्यों की बात सुनने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल चलने दिया जाए उसके बात इस मसले पर स्पीकर चैंबर में आकर बात करेंगे।
सदन में नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने स्पीकर से आग्रह किया कि निलंबित किए विधायकों का निलंबन खत्म किया जाए। सदन नियमों के मुताबिक नहीं चल रहा है। स्पीकर नियमों को नहीं बदल सकते । जबकि आपने बीते रोज कहा था के आप नियम बदल सकते हैं। इस पर स्पीकर ने कहा कि उन्होंने ऐसा कभी नहीं कहा कि वो नियमों को बदल सकते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा था कि वो नियमों को या संविधान काबदलवा सकते है। इस यूटर्न पर धूमल व बाकी भाजपा विधायकों ने हैरानी जताई। धूमल ने तो कहा भी कि ये आफ्टर थॉट हैं।
उन्होंने कहा कि सदन में न तो स्पीकर थे और ही डिप्टी स्पीकर। इसके अलावा पेनल में बाकी सूचीबद्ध पीठासीन अधिकारी भी नहीं था। जबकि सदन में पक्ष व विपक्ष के सदस्य आ गए थे व कोरम भी पूरा हो गया था। इसके अलावा सदन को पंद्रह मिनट के लिए स्थगित किया गया था लेकिन स्पीकर आधे घंटे बाद भी नहीं आए।चूंकि कोई एजेंडा नहीं था तो भारद्वाज ने स्पीकर की सीट पर जाकर कार्यवाही को स्थगित कर दिया।
इस बीच डिप्टी स्पीकर जगत सिंह नेगी व उन्होंने कहा कि जब भारद्वाज ने बीते रोज स्पीकर की चेयर पर बैठे थे तो वो सदन में मौजूद थे। भाजपा विधायकों का ये कहना कि वो सदन में नहीं थे, ये गलत हैं। इसका भाजपा विधायकों ने विरोध किया।
उधर भाजपा विधायक रविंद्र रवि ने इस मसले पर कुछ कहना चाहा तो स्पीकर ने उन्हें इजाजत नहीं दी इसके विरोध में भाजपा ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
भाजपा विधायकों की गैरमौजूदगी में प्रश्नकाल चला।
प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद स्पीकर बीबी बुटेल ने कहा कि मीडिया में भाजपा विधायकों के हवाले से ये कहना कि स्पीकर व डिप्टी स्पीकर की गैरमौजूदगी में कोई स्पीकर की कुर्सी पर बैठ सकता है, वो गलत हैं। नियमों के मुताबिक जब विधानसभा में स्पीकर व डिप्टी स्पीकर मौजूद हो तो कोई और नहीं बैठ सकता । इसके अलावा इसके लिए स्पीकर की मंजूरी की चाहिए होती हैं। जबकि बीते रोज वो खुद विधानसभा में मौजूद थे और डिप्टी स्पीकर सदन में थे। ऐसे में भाजपा विधायक ने नियमों के विरोध जाकर सदन की अवमानना की व सदन ने उनके निलंबन को लेकर जो फैसला लिया है वो बिलकुल सही फैसला लिया है। इसके अलावा अगर नियमों में कोई कार्रवाई बनेगी तो वह भी की जाएगी।
उधर, सुबह विधानसभा के गेट नंबर एक के बाहर बैठे निलंबित भाजपा सदस्य सुरेश् भारद्वाज ने स्टैंड लिया कि चूंकि सदन में स्पीकर व डिप्टी स्पीकरनीं और न ही पैनल में बाकी पीठासीन अधिकारी सदन में थे तो ऐसे में उनका स्पीकर की कुर्सी से बैठ कर रूलिंग देना गलत नहीं हैं। इससे पहले भी गुलाब सिंह ठाकुर के मामले में ऐसा हो चुका है व ये मामला हाईकोर्ट तक गया था जहां पर हाईकोर्ट ने गुलाब सिंह की कृत्य को सही ठहराया था। ये पूछे जाने पर कि क्या वो स्पीकर के फैसले को अदालत में चुनौती देंगे। भारदवाज ने कहा कि वो इस मसले को कानूनी नहीं लोकतांत्रिक तरीके से लड़ेंगे।ये पूछे जाने पर कि उन्हें स्पीकर की कुर्सी पर बैठने के लिए स्पीकरकी इजाजत चाहिए थी,भारदवाज ने कहा कि इजाजत की जरूरत नहीं थी।
बहरहाल भाजपा के इन तीनों विधायकों को आज सदन में आने की इजाजत नहीं दी गई ।
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