शिमला। सुरेश भारद्वाज ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से एकीकृत सहकारिता विकास परियोजना के अधीन या इसके बाहर की सहकारी सभाओं को कृषि उत्पाद संगठन योजना के तहत लाते हुए खण्ड स्तर तक इसके विस्तार की संभावनाओं पर विचार विमर्श किया ।
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि हिमाचल सहकारिता क्षेत्र में एफपीओ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक योजना पर कार्य कर रहा है। इसके तहत प्रदेश सरकार ने एक वर्ष में 100 एफपीओ का पंजीकरण कर इनके माध्यम से कम से कम 10 हजार किसानों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि सहकारिता क्षेत्र में एफपीओ के गठन से फसल कटाई प्रबन्धन अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण को बल मिलेगा।उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से एफपीओ प्रबन्धन समिति के सदस्यों के प्रशिक्षण के लिए सचिवों के प्रशिक्षण से अलग निधि उपलब्ध करवाने का आग्रह किया।उन्होंने सहकारिता मंत्रालय से सम्बन्धित अन्य मुद्दों पर भी केन्द्रीय मंत्री से चर्चा की।
सुरेश भारद्वाज ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा नाबार्ड के सहयोग से सहकारी सभाओं के कम्प्यूटरीकरण की प्रक्रिया प्रारम्भ की गई है और प्रदेश में 300 सभाओं के कम्प्यूटरीकरण के लिए 5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने प्रदेश की सभी सहकारी सभाओं को इस योजना से जोड़ने के लिए राज्य-केन्द्र भागीदारी योजना के जरिए 80ः20 या 90ः10 के अनुपात में सहायता उपलब्ध करवाने का आग्रह किया।
उन्होंने ब्याज सब्वेंशन का विस्तार करते हुए इसे स्वास्थ्य, शिक्षा, एमएसएमई और इको-टूरिज्म क्षेत्र में कार्य कर रही प्राथमिक कृषि ऋण सभाओं तक करने का आग्रह किया। अभी तक यह सुविधा कृषि एवं बागवानी क्षेत्र में कार्य करने वाली सभाओं को ही प्रदान की जा रही है। उन्होंने सहकारी सभाओं को 20 लाख रुपये तक कोलेटरल मुक्त ऋण सुविधा का प्रावधान करने का भी आग्रह किया ताकि और अधिक सहकारी सभाएं सरकार की प्राथमिक कृषि ऋण सभाएं या एकीकृत सहकारी विकास परियोजना जैसी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठा सकें।
सुरेश भारद्वाज ने केन्द्रीय मंत्री से राज्य एवं जिला सहकारी बैंकों को सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट के तहत लाने का भी आग्रह किया। इस कदम से इन बैंकों को सहकारी सभाओं को अग्रिम ऋण प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा।
उन्होंने एकीकृत सहकारी विकास परियोजना के तहत स्थापना व्यय का प्रावधान करने का भी आग्रह किया, ताकि इस परियोजना के लिए स्टाफ की समुचित व्यवस्था की जा सके।केन्द्रीय मंत्री ने राज्य की हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।
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