जयराम सरकार पर संगीन इल्जाम
शिमला। कांग्रेस की सुखविंदर सिंह सरकार ने दो ही सालों में रेकार्ड 29 हजार 46 करोड़ रुपए का कर्ज लेकर इतिहास रच दिया है। अब तक किसी भी सरकार ने दो सालों में इतना कर्ज नहीं लिया हैं।
ये खुलासा किसी और ने नहीं खुद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज विधानसभा में पेश अपनी सरकार के तीसरे बजट में किया हैं।
बजट भाषण में सुक्खू जिनके पास वित महकमा भी है, ने सदन में कहा कि पूर्व की भाजपा की जयराम सरकार 31 मार्च 2023 को 76 हजार 185 करोड़ रुपए का कर्ज छोड़ कर चली गई थी।
सुक्खू ने पूर्व की जयराम सरकार को इस साल के बजट भाषण में भी कटघरे में खड़ा किया और एक संगीन इल्जाम लगाया कि जयराम सरकार ने कई सरकारी भवनों व अन्य पूंजीगत कार्यों का बिला बजटीय प्रावधानों के निर्माण किया गया और बिना जरूरत के संस्थानों को खोला गया। संगीन इल्जामों में आगे जोड़ा कि प्रदेश भर में ठेकेदारों की करोड़ों की देनदारियां खड़ी हो गई और एक हजार करोड़ रुपए से ज्यादा रकम के अधिकांश भवन बिना किसी विवेक के बनाए गए जो आज तक किसी काम में नहीं लाए जा सके। हालांकि इस बावत सुक्खू ने ऐसे भवनों की किसी सूची का कोई जिक्र बजट भाषण में जिक्र नहीं किया।
उन्होंने बड़ा इल्जाम ये भी लगाया कि इन भवनों निर्माण के लिए केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं और बाहरी सहायता से बनने वाली परियोजनाओं के तहत मिलने वाली रकम का दुरुपयोग किया गया । ये बेहद संगीन इल्जाम है लेकिन बजट भाषण में इस दुरुपयोग को लेकर उनकी सरकार ने पिछले दो सालों में दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की इसका कहीं कोई उल्लेख नहीं हैं। जबकि कायदे से दुरुपयोग करने वाले अब तक सलाखों के पीछे पहुंच जाने चाहिए थे। लेकिन प्रदेश में इस बावत ने आज तक किसी ने कहीं कोई आहट नहीं सुनी हैं।
पिछले दो सालों में लिए 29 हजार करोड़ रुपए के कर्ज को न्यायोचित ठहराने के लिए सुक्खू ने दावा किया कि जयराम सरकार में लिए कर्ज पर ब्याज के ही 12 हजार 266 करोड़ अदा करने पड़े है जबकि 8हजार 87 करोड़ के कर्ज लौटाने पड़े हैं। बजट भाषण में ये भी दावा किया गया कि विकास कार्यों के लिए तो महज 8 हजार 693 करोड़ कर्ज ही लिया। अब तक कुल कर्ज जोड़े तो ये रकम 105 लाख करोड़ रुपए से ऊपर पहुंच गई हैं और अगर कर्ज लेने की यही रफतार रही तो अलग तीन सालों में ये रकम डेढ़ लाख करोड़ तक पहुंच जाएगी।
साफ है प्रदेश भयंकर आर्थिक दौर से गुजर रहा है।
बजट भाषण में सुक्खू ने अर्थव्यवस्था की रफतार 6.7 फीसद रहने का अनुमान लगाया है। अब इस रफतार के दम पर कितना रोजगार मिलेगा और कितनी आय होगी ये सरकार के नौकरशाह जानते ही हैं। इसके अलावा प्रति व्यक्ति आय को लेकर भी पीठ थपथपाने का प्रयास किया गया है । बजट भाषण में दावा किया गया हैं कि प्रति व्यक्ति आय दो लाख 57 हजार 212 रुपए रहने का अनुमान हैं।
लेकिन प्रदेश में 32 से 40 लाख की आबादी छोटे व सीमांत किसानों की है जिनके पास 12 बीघा से कम की जोतें हैं। उनकी प्रति व्यक्ति आय कितनी है इस बावत आज तक किसी भी बजट में कोई आंकड़ा नहीं आता हैं। इस बार भी नहीं आया।
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