शिमला।विजीलेंस हमीरपुर ने पूर्व की भाजपा की जयराम सरकार में हुई स्टेनो टाइपिस्ट कोड 928 के पदों की परीक्षा में मचाई धांधली में प्रारंभिक जांच करने के बाद आयोग के पूर्व सचिव एचएएस अधिकारी जितेंद्र कुमार,मूल्याकंन समिति या स्कैनिंग करने वाली समिति के छह सदस्यों समेत दस आरोपियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है।
इस एफआइआर में उमा आजाद का नाम भी शामिल है जो कई अन्यों मामलों में पहले से ही शामिल है।
एसपी विजीलेंस हमीरपुर की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक जांच के दौरान 21 अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट में टेंपरिंग, जवाब में बदलाव और फल्यूड का लगाया जाना पाया गया है।
जबकि आयोग के नियमों के मुताबिक किसी ओएमआर शीट में किसी तरह की छेड़छाड़ या फल्यूड लगा हुआ पाए जाए तो उन ओएमआर शीट को रदद किया जाने का प्रावधान है। लेकिन आयोग की ओर गठित छह सदस्यीय समिति ने इस नियम की उल्लंघना करते हुए 21 ओएमआर शीटस को रदद नही किया। इनमें से दो अभ्यर्थियों नाम का चयन की सूची में आ गया है।
इनमें श्वेता राणा और नितीश शामिल है।
विजीलेंस ने जांच पूरी करने के बाद आज दो साल में इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 420,467,468,471,120 बी के तहत मामला दर्ज किया है।
जिन आरोपियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है उनमें अभ्यर्थी श्वेता राणा और नीतिश के अलावा आयोग के पूर्व सचिव जितेंद्र कुमार,सुरेंद्र शर्मा,युद्धवीर सिंह, ऊमा आजाद,गोपाल दास,रमेश कुमार, किशोरी लाल, मदन लाल और मतैन शामिल है।
विजीलेंस हमीरपुर के एसपी अभिमन्यू वर्मा ने कहा कि मामले की छानबीन जारी है।
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