शिमला। जिला सिरमौर के अनुसूचित जाति के लोगों ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार की ओर से हाटी समुदाय को जनजाति प्रमाण पत्र जारी करने को लेकर रोष व्यक्त किया है। साथ ही प्रदेश की कांग्रेस की सुक्खू सरकार को आगाह किया है कि अगर अनुसूचित जाति के लोगों के साथ बेइंसाफी हुई तो वो सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल देंगे। वो इतने भी कमजोर नहीं हैं।
अधिकार संरक्षण समिति सिरमौर के अध्यक्ष एडवोकेट अनिल मंगेट ने शनिवार को राजधानी में मीडिया के समक्ष दावा किया कि सरकार ने हाईकोर्ट की ओर से स्टे होने के बावजूद कुछ हाटी समुदाय के लोगों को जनजातीय होने के प्रमाण पत्र जारी कर दिए है। ये गैर कानूनी है और ऐसा नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मामला अदालत में लंबित है कम से कम अदालत के फैसले का तो इंतजार कर ही लेना चाहिए था। उन्होंने कहा कि
अगर प्रदेश की कांग्रेस सरकार हमारे हकों एवं अधिकारों तथा सुविधाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं तो अनुसूचित जाति के लोग हाटी बिल का स्वागत करेंगे। ऐसे में अगर गिरिपार के ठाकुर,राजपूत,राणा,मियां व बिरादियों को लाभ मिलता है तो अनुसूचित जाति के लोगों का कोई कोई विरोध नही है और न ही किसी प्रकार की कोई आपत्ति है। भी नहीं क्योंकि स्वर्ण समाज के सभी लोग हमारे बड़े भाई बहन व माता पिता की तरह है ।
मंगेट ने मंत्री हर्ष वर्धन चौहान का नाम लिए बगैर कहा कि मंत्री राजनीति कर रहे है व सरकार वोट हथियाने के फेर में सिरमौर के ग़रीब, भोले भाले व ईमानदार लोगों की भावनाओं के के साथ खिलवाड़ कर रही है।
उन्होंने कहा कि समिति सभी वर्गों व समुदाय के लोगों के साथ मिलकर हल निकालने को तैयार है।
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