शिमला।मुख्यमंत्री वीरभद्र ने स्कूल प्रबंधन कमेटी की ओर से नियुक्त किए गए अध्यापकों की जगह नियमित अध्यापकों को ट्रांसफर नहीं किया जा सकेगा। ये एलान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने स्कूल प्रबंधन समिति की ओर से नियुक्त किए गए टीचरों की की एसोसिएशन की ओर से आयोजित सम्मेलन में किया।एसएमसी अध्यापक एसोसिएशन ने इस सम्मेलन का आयोजन किया था।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि एसएमसी के माध्यम से नियुक्त अध्यापकों के लिए एक नीति बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य के कठिन एवं जनजातीय क्षेत्रों में इन अध्यापकों द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं के दृष्टिगत इन्हें नियमित अध्यापकों द्वारा इनके तैनाती स्थान से प्रतिस्थापित नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अध्यापकों की अन्य जायज मांगे उनके साथ विचार-विमर्श कर पूरी की जाएंगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि एसएमसी अध्यापकों के लिए अवकाश कैलेंडर तैयार करने का मामला शीघ्र सुलझाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि एसएमसी अध्यापक एसोसिएशन कांग्रेस सरकार के दिमाग की उपज है, जिसके पीछे सरकार का मकसद यह सुनिश्चित बनाना रहा है कि राज्य के जनजातीय तथा दूर.दराज के क्षेत्रों में कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।
इस मौके पर राज्य युवा कांग्रेस के अध्यक्ष व सीएम के पुत्र विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि एसएमसी अध्यापकों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान राज्य के दूर.दराज तथा जनजातीय क्षेत्रों में, जहां नियमित अध्यापक जाने में इच्छुक नहीं थे, में एसएमसी अध्यापकों की नियुक्ति के लिए एक योजना तैयार की थी। एसएमसी अध्यापकों ने इन क्षेत्रों में बच्चों को शिक्षा प्रदान करने में अह्म भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि सरकार पैरा अध्यापकों, पैट, कम्प्यूटर अध्यापकों, पीटीए तथा एसएमसी अध्यापकों की समस्याओं को लेकर गंभीर है। उन्होंने कहा कि आउटसोर्स कर्मियों के लिए अनुबंध नीति तैयार करने तथा उन्हें नियमित कर्मचारियों के रूप में समाहित करने का सरकार का एक साहसी निर्णय है।
उन्होंने एसएमसी अध्यापकों के मानदेय में वृद्धि तथा उनके स्थान पर नियमित अध्यापकों द्वारा कार्यग्रहण पर उन्हें मौजूदा नियुक्ति स्थान से न हटाने की मांग का भी समर्थन किया।
इससे पूर्व, एसएमसी के अध्यक्ष अनिल पीतान ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया तथा उन्हें सम्मानित किया। लगभग 4000 एसएमसी अध्यापकों की ओर से एसोसिएशन ने एसएमसी अध्यापकों के लिए एक स्थाई नीति तैयार करने तथा उन्हें नियमित अध्यापकों के कार्यग्रहण पर न हटाने के अलावा मानदेय तथा अवकाश अवधि में वृद्धि की मांग की।
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