शिमला। प्रदेश भर की एकल नारियों की दुश्वारियों को दूर करने के लिए जयराम सरकार का प्रशासन पूरी तरह से विफल हो गया है। ऐसे में इन नारियों को छोटे छोटे कामों के लिए दर भटकना पड़ रहा है। राजधानी में एकल नारी शक्ति संगठन के बैनर तले एकत्रित हुई इन महिलाओं ने अपनी दास्तां सुनाई । बिलासपुर के हरनोड़ा पंचायत की रत्नी देवी ने कहा उसने घर बनाने के लिए दो विस्वा जमीन के लिए आवेदन किया था दो बार उसके आवेदन को रद कर दिया गया तीसरी बार पंद्रह सौ आवेदन आए ।
इनमें से छंटनी के बाद 75 के करीब आवेदनों को पिछल्ले साल मंजूर कर लिया। लेकिन एक साल से उन्हें दो विस्वा जमीन नहीं मिल रही है। रत्नी देवी ने कहा कि अब जिला उपायुक्त बिलासपुर कह रहे है कि उनके लिए कालोनी बनाई जाएगी। रत्नी देवी ने कहा कि वह कालोनियों में क्यों रहेंगी। उनके गांव के पास जमीन है व अपने गांव से बाहर क्यों जाएंगी।
उन्होंने अपनी पंचायत में बीपीएल की धांधलियों का भी खुलासा किया व कहा कि बीस बीस सालों से एक ही परिवार के सदस्य बीपीएल में शामिल हो रहे है।2016 में पंचायत में एक बजुर्ग की मौत हो गई तो उन्होंने उसकी जगह अपना नाम बीपीएल में शामिल कराने के लिए आवेदन किया। लेकिन प्रधान ने अपने भाई को ही बीपीएल की सूची में शामिल कर दिया। उनको कोई शामिल नहीं कर रहा है। वह साठ साल से ऊपर हो गई है व मनरेगा के तहत पत्थर तोड़ती है, लेकिन सरकारी योजनाओं को लेकर कहा जाता है कि उन्हें इन योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा।
जिला कांगड़ा की गांव व पंचायत शाहपुर से आई अर्चना ने कहा कि उनके पास न जमीन है न ही आय को कोई साधन है। उन्हें अन्नपूर्ण योजना के तहत दो किलो चावल व तीन किलो गेंहू मिलता है। क्या कोई व्यक्ति इस राशन के दम पर जिंदा रह सकता है। माता पिता का निधन हो चुका है। उन्होनें कहा कि बीपीएल सूची में शामिल करने के लिए तीन बार आवेदन दिया लेकिन धंधलियां हुई व उन्हें बाहर कर दिया। इसी तरह से मनरेगा के तहत उनका पांच सालोें से जॉब कार्ड बना है लेकिन उन्हें आज तक एक दिन का काम भी नहीं मिला।
केंद्र की आयुष्मान भरत व मुख्यमंत्री हिमकेयर योजनाओं के तहत उनसे की जा रही लूट का भी ख्ुालासा किया। इन महिलाओं ने कहा कि वह विधवा या उनका तलाक हो चुका है इस के कागजात लोकमित्र केंद्रों में जमा करा रही है लेकिन उनसे 330 रुपए की जगह साढ़े ग्यारह सौ रुपए वसूले जा रहे है।
चंबा से आई नीलम कुमारी ने कहा कि मोतला पंचायत में एकल नारियों के अटल आवास योजना के तहत मकानों के आवेदन 2012-13 से लटके हुए है। जो रसूखदार है, वह इस योजना का दो दो बार धांधलियां कर लाभ ले चुके है। उन्होंने कहा कि पंचायत सिंहुता में 70 साल की उम्र पार कर चुकी महिलाओं के लिए सरकार की पैंशन योजना है। लेकिन इन महिलाआें को कहा जाता है कि वह अपने परिवार से अलग होकर अलग राशन कार्ड बनाए। ताकि आय कम दिखाई जा सके। इनके बेटों की आय इनकी आय के साथ जोड़ी जा रही है। नीलम ने सवाल उठाया कि 70 साल की उम्र में अब वह अपने परिवारों से क्यों अलग होंगी। ऐसे में दर्जनों महिलाओं को पैंशन नहीं लगी है।
जिला बिलासपुर की गांव ब्राहमणा, पंचायत साइ खारसी से आई रेणू शर्मा ने कहा कि उन्हें आवास के लिए डेढ़ लाख रुपए मिल भी गया था। लेकिन उनके पास जमीन नहीं थी तो वह पैसा वापस हो गया। मायके वालों के पास भी कुछ विस्वा जमीन है। ऐसे में वह कहां घर बनाती।
इन महिलाओं ने दो दिनों तक अपनी मांगों को लेकर राजधानी में सरकार के अधिकारियों के साथ मंथन किया।
एकल नारी शक्ति संगठन की मुखिया निर्मल चंदेल ने सरकार से शादी होने पर ही पत्नी का नाम राजस्व रिकार्ड में बतौर काश्तकार दर्ज करने, न्यूनतम पैंशन तीन हजार करने व स्वायत न्याय पंचायत गठित करने की मांग की है।
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