शिमला।हाईकोर्ट में एक मामले में जवाब दायर करने के बजाय तारीख पर तारीख मांगने वाले जीएसटी ,आबकारी व कराधान विभाग संयुक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी को विभाग के आयुक्त युनूस ने शोकॉज नोटिस भेज कर जवाब तलब कर लिया हैं। शो कॉज में उक्त अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने की चेतावनी दी गई हैं। सुक्खू सरकार में किसी विभाग के मुखिया की ओर से हाईकोर्ट के मामले में पहली बार ये गंभीरता दिखाई गई हैं।
प्रदेश हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति तिरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने आज मैसर्स एचएम स्टील लिमिटेड बनाम भारत सरकार मामले में आबकारी व कराधान विभाग के अधिकारियों को चेतावनी दी थी कि अगर अगली तारीख तक जवाब दायर नहीं हुआ तो अदालत की ओर से चूक करने वाले अफसरों को हटाने के लिए सरकार से सिफारिश कर दी जाएगी।
विभाग की ओर से इस मामले में ज्वाइंट कमिशनर स्टेट टैक्सस एंड एक्साइज साउथ जीएसटी जोन परवाणु हिमाचल गणेश दत ठाकुर एकमात्र पक्ष हैं। ऐसे में अदालत में जवाब उन्हें ही देना था।
जानकारी के मुताबिक महाधिवक्ता कार्यालय से जैसे ये आदेश आयुक्त आबकारी व कराधान को मिला तो उन्होंने चूक करने वाले अधिकारी ज्वाइंट कमिशनर स्टेट टैक्सस एंड एक्साइज साउथ जीएसटी जोन परवाणु हिमाचल गणेश दत से शो कॉज नोटिस जारी कर जवाब तलब कर लिया।
आयुक्त ने अपने शो कॉज नोटिस में लिखा कि हाईकोर्ट की ओर से साफ-साफ निर्देश देने के बाद भी आपने (यानी जी डी ठाकुर ने) जवाब दायर नहीं किया और महाधिवक्ता के आदेश से ये याचिका मिलने के बावजूद मुख्यालय को अवगत नहीं कराया।
नतीजतन हाईकोर्ट ने विभाग को लेकर विपरीत टिप्पणियां कर दी।
आयुक्त ने शो कॉज नोटिस में लिखा कि ये बड़ी लापरवाही है और आधिकारिक कर्तव्यों का पालन करने में कदाचार है। ऐसे में आपके खिलाफ अनुश्शासनात्मक कार्यवाही क्यों न की जाए। शो कॉज नोटिस में संयुक्त आयुक्त ठाकुर को नोटिस मिलने के दो दिन के भीतर जवाब देने के निर्देश दिए गए हैं। नोटिस में साफ लिखा है कि अगर जवाब नहीं दिया तो नियमों के तहत उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
याद रहे प्रदेश हाईकोर्ट से जुड़े मामलों में सुक्खू सरकार की जमकर फजीहत हो रही हैं। लेकिन किसी की कोई जवाबदेही तय नहीं की जा रही हैं।
कई जगह सुक्खू सरकार ने दागी अधिकारियों को जिम्मेदार पदों पर तैनात कर दिया हैं। सहायक ड्रग कंट्रोलर निशांत सरीन मामले में तो हाईकोर्ट में याचिका भी दायर हैं। इस मामले में हाल के ही दिनों में इडी के छापेमारी हुई थी।
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