शिमला। शहर के 4000 के करीब लोगों को पीलिया की जद में लाने के लिए जिम्मेदार म्लाणा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के ठेकेदार व संबधित विभागों के अफसरों के खिलाफ कार्रवाई न कर वीरभद्र सिंह सरकार कटघरे में खड़ी हो गई।समझा जा रहे है प्लांट का ठेकेदार वीरभद्र सरकार का लाडला है यही स्थिति संबधित अफसरों की भी है। यही वजह है कि न तो लाडले ठेकेदार के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई सरकार ने की है और न हीं मुख्यमंत्री के अपने अधीन पुलिस ने कुछ किया है।जबकि इस मामले में बाकायदा वामपंथी डिप्टी मेयर ने एफआईआर दर्ज कराई हुई है।इस पर हैरान करने वाला कांड ये कर दिया है कि अश्वनी खडड से जो सैंपल लेकर वायरोलॉजी लैब पुणे को भेजे थे उसकी रिपोर्ट को सरकार ने नेगेटिव करार देकर लाडले ठेकेदार व अफसरों को बचाने का रास्ता साफ कर दिया है। अगर ये सब सही है तो छठी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने वीरभद्र सिंह के कामकाज पर ये कड़ी टिप्पणी है।
बकौल डिप्टी मेयर टिकेंद्र पंवर ने ये दावा कर चौंका दिया है कि शहर में पीलिया के मामले 6 सौ नहीं बल्कि चार हजार से ज्यादा है और ये आंकड़ा बढ़ने वाला है।ये अब महामारी का रूप ले चुकी है। इसका स्थाई समाधान निकालने के लिए वीरभद्र सिंह सरकार, ठेकेदार व अफसरों पर नकेल कसने से गुरेज नहीं किया जाएगा। वायरोलॉजी लैब से आई रिपोर्ट से ये साफ हो गया है कि सैंपल लेने में या भेजने में कहीं फ्राड किया गया है। जबकि लोगों के खून की जांच में हेपेटाइटस इ की पुष्टि हो गई है तो सैंपल कैसे सही हो सकते है। उन्होंने तंज कसा कि सरकार ने बिसलेरी की बोतल से सैंपल लेकर पुणे भेजे थे।ठेकेदार प्रभावशाली है व सरकार तक को प्रभावित कर दिया है ।अगर ये ठेकेदार नगर निगम का होता तो उसे कभी का जेल भेज दिया गया होता। पंवर ने वीरभद्र सरकार की निष्ठाओं पर संदेह करते हुए मांग कर डाली कि अश्वनी खडड से पानी के सैंपल नगर निगम व आईपीएच विभाग की संयुक्त टीम लेंगी और इसे फिर पुणे भेजा जाएगा।सरकार से अब और कांड नहीं करने दिया जाएगा। हर कदम पर उसके कारनामों को पकड़ा जाएगा।
नगर निगम शिमला के वामपंथी मेयर व डिप्टी मेयर स्मार्ट सिटी के मामले पर वीरभद्र सिंह सरकार के टॉप अफसरों को परेशानी में डालने का इंतजाम कर चुके है। पंवर ने वीरभद्र सिंह सरकार के साथ साथ धूमल सरकार को भी कटघरे में खड़े कर दिया।उन्होंने कहा कि 2011में भी इसी तरह शहर में पीलिया फैला था। तब विभाग ने सीवरेज प्लांट में सेंट्रीफ्यूज लगाने का फैसला लिया था। लेकिन ये आज तक नहीं लग पाया। इससे साफ है कि किसी को फायदा पहुंचाने के लिए ये किया गयाहै। अब किसी को छोड़ा नहीं जाएगा।
मोदी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश्ा नडडा की तारीफ कर वामपंथी नेता ने उन्हें नेशनल सेंटर फार डिजेज कंट्रोल (एनसीडीसी) की टीम शिमला भेजने पर धन्यवाद दिया। साथ ही कहा कि इस टीम ने पानी के अलावा लोगों का खून के सैंपल भी लिए है। उन्होंने राजनीतिक दांव चलते हुए कहा कि नडडा की ओर से भेजी गई टीम ने ईमानदारी से काम किया है। वामपंथियों की ओर से इस कांड पर स्टैंड लेने के बाद आईपीएच विभाग मंत्री विद्या स्टेाक्स के अलावा मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को अफसरों की क्लास लेने के लिए मजबूर होना पड़ा था। लेकिन बावजूद इसके छठी बार मुख्यमंत्री बने वीरभद्र सिंह ने अभी तक किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। अब लाडलों को क्लीन चिट देने का खेल शुरू हो गया है। पंवर ने वीरभद्र सिंह सरकार पर बड़ा इल्जाम लगाते हुए कहा कि सीवरेज युक्त पानी पिलाना नकली शराब पिलाकर लोगों की जानें लेने जैसा है। ये सरकार यहीं कर रही है।
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