शिमला। वामपंथियों की वजह से पहली बार तिकोने हुए नगर निगम शिमला के चुनाव में आज सोमवार को सीबीआई व इडी के झमेले में उलझे मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी अपने लाव-लश्कर के साथ आखिरकार मैदान में उतर गए। जबकि भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता जिनका शिमला में खासा असर हैं, को प्रचार के आखिरी दिन 14 जून का समय दिया हैं। उस दिन वो करीब छह घंटे प्रचार कर पाएंगे। 14 तारीख को पांच बजे चुनाव प्रचार खत्म हो जाएगा।
नगर निगम चुनावों में कांग्रेस की बेहद बुरी सिथति हैं। पहले तो प्रत्याशियों की सूची ही जारी नहीं की गई। जिस दिन नाम वापस लेने की तिथि थी उस दिन जैसे कैसे प्रत्याशियों की सूची जारी की। उसके बाद जब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती ,राज्य प्रभारी मंगल पांडे जैसे बड़े नेता शिमला में डारे डाले हुउ हैं तो कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सुक्खू रविवार को जिला सिरमौर में गले में मालाएं डलवाते रहे।
कांग्रेस की इस हालत से जब वीरभद्र सिंह के सिपहसलार अवगत हुए तो उन्होंने वीरभद्र सिंह के सारे प्रोग्राम रदद करा दिए व व अब 14 तारीख तक उनको शिमला की गलियों की खाक छानने पर लगा दिया हैं। मुख्यमंत्री ने अपने सिपहसलारों के साथ कई वार्डों में प्रचार किया।हर्ष तहाजन व हरीश जनारथा उनके साथ खासतौर पर रहे। बीते दिनों कांग्रेस राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा ने भी शिमला की धरती पर पांव धरे थे।
उधरृ, भाजपा के रणनीतिकारों ने धूमल व उनके बेटे व भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर को इन चुनावों से बाहर रखा हैं।बताते हैं कि लोअर बाजार से धूमल की बेहद करीबी भारती सूद का टिकट भी काट दिया गया। ऐसे में भितरघात के अंदेशे के बीच ये चुनाव दिलचस्प हो गए हैं।याद रहे भाजपा के प्रचार का आगाज मोदी सरकार में मंत्री व आगामी विधानसभा चुनावों में सीएम के दावेदार जगत प्रकश नडडा ने बड़े नाटकीय व आक्रमणकारी तरीके से किया था।
उधर, भाजपा के राज्य प्रभारी मंगल पांडे की ओर से बीते रोज शिमला के लिए जारी किए गए विजन डाक्यूमेंट का जमकर मजाक उड़ाया हैं। वामपंथियों ने कहा है कि जो काम व प्रोजेक्ट शुरू हो गए हैं वजिन पर काम चल रहा हैं, भाजपा ने उनहें ही पढ़कर विजन डाक्यूमेंट में डाल दिया हैं। वामपंथियों ने कहा कि जिन्होंने ये डाक्यूमेंट तैयार किया है ,वो शहर की हकीकत से वाकिफ ही नहीं हैं। उन्होंने भाजपा के विधायक सुरेशभारद्वाज व पार्षदों को भी कटघरे में खड़ा किया व कहा कि पिछले दस सालों में स्मार्ट सिटी प्लान के तहत उन्होंने कोई भी भूमिका नहीं निभाई।
वामपंथियों ने कहा कि विजन डाक्यूमेंट में बिजली व पंपिंग के एकीकरण का मसला उठाया गया हैं। ये काम पहले ही हो चुका हैं। डीपीआर न बनने के बीजेपी के दावो को उन्होंने अफवाह बताया व कहा कि सौ करोड़ रुपए की स्कीमों में काम भी हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने डकैती क की कला सीख ली है लेकिन ये कला भी पूरी नहीं सीखी।
बीजेपी ने विजन डाक्यूमेंट में कोलडैम से पानी लाने के लिए डीपीआर केंद्र को भेजने का दावा किया हैं जबकि हकीकत ये है कि इस प्रोजेक्ट पर डिस्कशन आखिरी चरण में हैं व दो सालों में काम भी पूरा हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि पीलिया को लेकर 2007 से 2012 के बीच भाजपा सरकार के शासन में जो कहर मचा उस बारे भाजपा ने विजन डाक्यूमेंट में जिक्र नहीं किया हैं। यही नहीं जुलाई 2016 तक शहर के लिए पानी की सप्लाई आईपीएच विभाग करता रहा। इस विभाग के मंत्री कई सालों तक भाजपा के नेता रहे अब कांग्रेस के नेता हैं।
वामपंथी नेता व पूर्व डिप्टी मेयर टिकेंद्र पंवर ने भाजपा के विजन डाक्यूमेंट की खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि भाजपाइयों ने निगम को निजी हाथों में देने का काम किया ।चाहे मसला पानी का हो या फिर इ-गवर्नेंस को हो। ये वामपंथी ही थे जिन्होंने निगम का इ-गवर्नेस को एनआईसी को दिया हैं और पानी की सप्लाई से लेकर वितरण तक काम पूरी तरह एमसी के तहत ला दिया हैं।
इस तरह अब कांग्रेस व माकपाइयों के निशाने पर भाजपा आ गई हैं। हालांकि सारे विरोधाभासों के बावजूद प्रचार में भाजपा सबसे आगे है व वामपंथी दूसरे स्थान पर हैं।
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