शिमला। ग्लेशियरों की घाटी लाहुल स्पिति में 400 मेगावाट विवादित सेली हाइडल पावर प्रोजेक्ट और 120 मेगावाट के मयार हाइडल पावर प्रोजेक्ट को प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू ने तेलंगाना सरकार को आंवटित कर दिया हैं।
इन समझौता ज्ञापनों पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू व तेलंगाना के उप मुख्यमंत्री भाटी विक्रामारका मालु की उपस्थिति में हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से सचिव ऊर्जा राकेश कंवर तथा तेलंगाना सरकार की ओर से प्रधान सचिव ऊर्जा संदीप कुमार सुल्तानिया ने हस्ताक्षर किए।
याद रहे ये वो ही सेली हाइडल पावर प्रोजेक्ट है जिसके अप फ्रंट मनी की रकम को लौटाने के लिए प्रदेश हाईकोर्ट ने दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को नीलाम करने का आदेश दिया था।
चार सौ मेगावाट का ये प्रोजेक्ट नामी कंपनी मोजर बीयर को आंवटित किया गया था। लेकिन मोजर बीयर इस प्रोजेक्ट को खड़ा करने में नाकाम रही और प्रदेश सरकार ने इस आंवटन को रदद कर दिया। मामला आर्बिट्रेशन के समक्ष गया और प्रदेश सरकार वहां हार गई।
सरकार को इस मामले में मोजर बीयर को अपफ्रंट मनी के रूप में 94 करोड़ रुपए प्रदेश हाईकोर्ट में जमा कराने पड़े हैं।
इस मामले में मोजर बीयर ने साफ कर दिया था कि ये प्रोजेक्ट वायबल नहीं हैं और सरकार की ओर से जो कुछ किया जाना चाहिए था वो नहीं किया गया।
यह दोनों परियोजनाएं लाहुल स्पिति में चिनाब नदी पर 6200 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से तैयार की जाएंगी। सरकार की और से दावा किया गया है कि इनसे रोजगार के लगभग 5000 प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष अवसर सृजित होंगे। समझौता ज्ञापन के अनुसार, तेलंगाना सरकार ने अग्रिम प्रीमियम राशि के रूप में 26 करोड़ रुपये का भुगतान किया है व इन परियोजनाओं के आरंभ होने के बाद हिमाचल को कुल विद्युत उत्पादन में से शुरूआती 12 वर्षों तक 12फीसद अगले 18 वर्षों तक 18 फीसद और आखिरी 10 वर्षों तक 30 फीसद मुफ्त बिजली दी जाएगी। 40 वर्षों की अवधि पूर्ण होने के बाद तेलंगाना सरकार इन दोनों परियोजनाओं को हिमाचल प्रदेश को सौंपेगी। तेलंगाना सरकार इन दोनों परियोजनाओं की लागत का 1.5 फीसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि तथा लागत का एक प्रतिशत इस क्षेत्र को निःशुल्क विद्युत प्रदान करने पर व्यय करेगी। इन परियोजनाओं से प्रभावित परिवारों को 10 वर्षों तक 100 यूनिट प्रतिमाह के समान वित्तीय लाभ प्रदान किए जाएंगे।
अब देखना ये है कि तेलंगाना सरकार के लिए ये प्रोजेक्ट किस तरह से बायवल हो पाएगा। इस बावत मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से जब पूछा गया तो उसने कहा कि ये बायवल है या नहीं ये मोजर बीयर का कहना है। वो तो अप फ्रंट मनी मांग रहा हैं।
दूसरे ये पूछे जाने पर कि लाहुल स्पिति में ग्लेशियर पीछे हट रहे है ऐसे में पावर प्रोजेक्ट लगाना कहां तक संगत है, सुक्खू ने कहा कि वो देखना सरकार का काम है। बहरहाल, अब इस प्रोजेक्ट को लेकर अब दूसरी बार समझौता ज्ञापन हो चुका हैं।
उधर सेली हाइडल पावर प्रोजेक्ट को लेकर स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं।
(76)




