शिमला। जिला के रोहड़ू स्थित स्तानाकोतर महाविद्यालय सीमा के प्रधानाचार्य बृजेश चौहान के खिलाफ के खिलाफ महाविद्यालय की यौन प्रताड़ना प्रकोष्ठ की सदस्यों की शिकायत पर भारतीय दंड संहित की धार 354ए और 354डी के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू हो गई है। अपनी शिकायत में इन महिला सदस्यों ने कहा कि स्नातक प्रथम वर्ष की एक छात्रा प्राधानाचार्य के पास छात्रवृति का फार्म भराने गई थी लेकिन प्राधनाचार्य ने इस छात्रा से कहा कि वह उन्हें फोन करे व वह फोन पर बता देगा कि फार्म कैसे भरना है।
जब इस छात्रा ने प्राधानाचार्य चौहान को फोन किया तो प्रधानाचार्य इस छात्रा के साथ अभद्र, अश्लील और बेहुदगी भरी बातें करने लगा। यही नहीं इस प्रधानाचार्य ने अन्य महिला प्राध्यापकों को लेकर भी आपतिजनक बातें की। इस छात्रा ने यह तमाम बातें रिकार्ड कर ली और महाविद्यालय की यौना प्रताड़ना प्रकोष्ठ को सौंप दी। इसके बाद इस प्रकोष्ठ ने तमाम रिकार्डिंग सुनने के बाद प्राधानाचार्य चौहान के खिलाफ मामला दर्ज कराने का फैसला लिया । एफआइआर होने के बाद अभी तक रोहड़ू पुलिस ने इसे गिरफतार नहीं किया है। रोहड़ू पुलिस थाने से कहा कि एफआइआर दर्ज कर ली गई है और सभी संबंधित पक्षों के बयान लिए जा रहे है। अभी गिरफतारी नहीं हुई हैं।
यह भी कहा जा रहा है कि इसी तरह की हरकतों की वजह से चौहान को करीब डेढ दो महीने पहले लोगों ने पीटा भी था। रोहड़ू पुलिस के मुताबिक ऐसा कुछ सामने तो आ रहा है लेकिन तब इसके खिलाफ पुलिस को कोई शिकायत नहीं मिली थी । जिला शिमला के महाविद्यालय में एक महीने के भीतर इस तरह प्राध्यापकों की ओर से छात्राओं के साथ यौन प्रताड़ना का दूसरा मामला है।
इससे पहले पांच दिसंबर को राजधानी स्थित राजकीय डिग्री महाविद्यालय के एक गणित के सहायक प्राचार्य पर भी एक छात्रा की ओर से संगीन इल्जाम लगाए गए थे। तब इस छात्रा ने अपनी ओर से लिखाई एफआइआर में कहा थाा कि उसका अध्यापक उसे एक सप्ताह से शारीरिक तौर पर प्रताडि़त कर रहा है। यही नहीं उसने उसे वाट़सएप संदेश भी भेजे हैं। प्राचार्य ने उसे चक्कर स्थित अपने क्वार्टर में भी बुलाया लेकिन उसने इंकार कर दिया।एफआइआर में कहा गया कि एक दिन वह उसे सिसिल होटल के पास मिल गया व वह उसे अपने क्वार्टर ले गया और उसके साथ अश्लील हरकतें की।
अब यह एक महीने के भीतर दूसरा मामला है जो सामने आया है। याद रहे पिछले साल रोहड़ू के टिक्कर में ही एक राष्ट्रीय अवार्ड हासिल अध्यापक पर स्कूल की छात्राओं ने संगीन इल्जाम लगाया था लेकिन वह पुलिस की ढीली जांच की वजह से अदालत से जमानत में लेने में कामयाब रहा था।
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