शिमला। सुप्रीम कोर्ट ने आज प्रदेश के वरिष्ठ आइपीएस अफसर संजय कुंडू को डीजीपी के पद से हटाने के हाईकोर्ट के आदेशों रोक लगा दी हैं। यानी कुंडू को स्टे मिल गया हैं। सीजेआइ डी वाइ चंद्रचूड़ ने अपने आदेश में कहा गया कि हिमाचल की सुक्खू सरकार की ओर से कुंडू को हाईकोर्ट के आदेशों के बाद प्रधान सचिव आयुष लगाया है उस पर हाईकोर्ट के अगले आदेशों तक रोक लगाई जाती हैं।
हाईकोर्ट ने प्रदेश हाईकोर्ट से आग्रह किया वह इस मामले को रिकॉल करे और कुंडू का पक्ष भी सुने। इसके अलावा इस मामले को सीबीआइ को देना है या इसका क्या करना है इन तमाम पहलुओं पर हिमाचल हाईकोर्ट ही गौर करे।
कुंडू की ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी पेश हुए और उन्होंने कहा कि प्रदेश हाईकोर्ट ने उनका पक्ष सुन बगैर अपना आदेश पारित कर दिया। इसके अलावा कुंडू की ओर से कहा गया कि शिकायत कर्ता निशांत शर्मा का जिन पूर्व आइपीएस और वकील के साथ है विवाद है उनसे उनका कोई लेना देना हैं।
चंद्रचूड ने सुनवाई के दौरान कहा कि एक समय हम इस मामले को सीबीआइ के सुपुर्द करने की सोचने लगे थे। सुनवाई के दौरान निशांत शर्मा ने कहा गया कि इस मामल में पूर्व आइपीएस शामिल है । इस पर कुंडू की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि इस मामले को सीबीआइ को दिया जा सकता।
निशांत शर्मा की ओर से शिमला एसपी की रपट का हवाला भी दिया गया और कहा गया कि उन पर धर्मशाला व गुड़गांव में हमला हुआ हैं।
सुनवाई के दौरा सीजेआइ ने रोहतगी से पूछा कि डीजीपी की ओर से 15 मिस्ड काल्ज किए गए हैं। रोहतगी ने जवाब दिया कि ये डीजीपी कार्यालय से किए गए है । निशांत शर्मा की ओर से कहा गया कि जब उन्होंने कुंडू को लेकर शासन को ईमेल की तो उनके खिलाफ कुंडू ने एफआइआर कर दी । उनकी निगरानी भी रखी गई।
इस पर मुकुल रोहतगी ने कहा कि डीजीपी की ओर से कोई मिस्ड कॉल नहीं की गई यह उनके कार्यालय से की गई होगी।
सीजेआइ ने निशांत शर्मा के वकील से पूछा कि क्या आपकी एफआइआर में कुंडू का नाम हैं निशांत शर्मा की ओर कहा गया कि नहीं कुंडू का नाम उनकी एफआइआर में नहीं हैं। पूर्व आइपीएस और वकील का नाम हैं।
इसके बाद सीजेआइ ने प्रदेश हाईकोर्ट के कुंडू को पद से हटाने के आदेश पर एक हाईकोर्ट की अगली सुनवाई तक तक स्टे दे दिया और हिमाचल हाईकोर्ट को इस मामले को रिकॉल करने के आदेश दिए।
अब मामला दोबारा से प्रदेश हाईकोर्ट के पाले में आ गया हैं। अब देखना है कि डीजीपी कुंडू हाईकोर्ट में क्या-क्या चीजें सामने लाते हैं और एसपी शिमला की रपट को किस तरह से पलटते हैं। उधर, निशांत शर्मा ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में कैविएट फाइल कर रखी थी। वहां पर उन्होंने अपना पूरा पक्ष रखा व तमाम इल्जाम लगाए।
कुंडू ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उन्होंने अभी प्रधान सचिव आयुष के पद पर ज्वाइनिंग नहीं दी है।
इस मामले की अब प्रदेश हाईकोर्ट में कल चार जनवरी को सुनवाई होगी।
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