शिमला। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर के हाथ से दुनिया की सबसे अमीर संस्था बीसीसीआई का कारोबार फिसलने केे कगार पर आ गया है। पूरी तरह नहीं तो कई मामले उनके हाथ से निकलने जा रहें हैं।सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जारी आदेश में कहा है कि जस्टिस लोढ़ा पैनल एक स्वतंत्र ऑडिटर नियुक्त करेगा और बीसीसीआई के तमाम ठेकों की जांच करेगा।
बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को मानने से इंकार कर दिया था व कहा था कि लोढ़ा पैनल की कई सिफारिशें लागू कर दी है लेकिन बाकी सिफारिशों को लागू करने केे लिए राज्य क्रिकेट एसोसिएशन की हामी की जरूरत है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने कई शक्तियां लोढ़ा पैनल को दी हैं। ये बीसीसीआई के अब तक के धंधों पर चादर डालने केे प्रयासों के लिए बुरा साबित हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर को तीन दिसंबर तक लोढ़ा पैनल की सिफारिशें लागू करने का हलफनाम दायर करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई पांच दिसबंर को रखी गई है।यही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई की ओर से राज्य क्रिकेट एसोसिएशनों को फंड आवंटित करने पर भी रोक लगा दी है।यह रोक तब तक रहेगी जब राज्य की क्रिकेट एसोसिएशनें लोढ़ा समिति की सिफारिशं लागूू करनेे के बारे को लेकर अदालत में हलफनामा दायर न कर दें। बीसीसीआई के लिए सबसे बुरा ये हुआ कि अब कांट्रेक्ट लोढ़ा पैनल ही तय करेगा।
याद रहे कि अगस्त में कोर्ट की ओर से नियुक्त एमिक्स क्यूरी गोपाल सुब्रमण्यम ने बीसीसीआई का कामकाज देखने केे लिए प्रशासक नियुक्त करने की सिफारिश की थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार के फैसले में लाढ़ा पैनल को ही स्वतंत्र आडिटर नियुक्त करने की जिम्मेदारी दे दी।
मीडिया रिपोर्टों के मुुताबिक अनुराग ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि बीसीसीआई हर पहलू पर विचार करेगा।बीसीसीअााई अध्यक्ष्ज्ञ अनुराग ठाकुर मोदी सरकार में वित मंत्री अरुण जेटली के बेहद करीबी है।
पिछले डेढ दशकों में भद्रलोगों का ये खेल सेक्स ,सटटे व ड्रग्ज को लेकर बदनाम हुआ है। अब देखना है कि बीसीसीअाई में सुप्रीम कोर्ट सुधार करवा पाता है या नहीं।
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