शिमला। संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों व बागवानों के मुददों को लेकर 13 सितंबर को तहसील व खंड स्तर पर आंदोलन छेड़ने का एलान किया है। मोर्चा ने कहा कि इस तरह तहसील व खंड स्तर पर धरने प्रदेर्शन किए जाएंगे और अगर सरकार ने किसानों व बागवानों की मांगों की पर गौर नहीं किया तो 26 सितंबर को प्रदेश व्यापी प्रदर्शन किया जाएगा।हाल ही में गठित संयुक्त किसान मोर्चा की आज राजधानी में अहम बैठक हुई व प्रदेश के बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर पर पूरा गुब्ब्बार निकाला गया। मोर्चा की इस बैठक में आए किसान व बागवान नेताओं ने कहा कि मंत्री ने बागवानी व किसानी के मसलों को पूरी तरह से नजर अंदाज कर दिया है। बागवानी इस समय संकट से गुर रही है और बगावनी मंत्री का कहीं कोई पता नहीं है। मोर्चा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से महेंद्र सिंह को बागवानी मंत्री के पद से हटाने की मांग की है व कहा है कि इस पर किसी जिम्मेदार मंत्री को बिठाया जाए।
मोर्चा ने शहरी विकास मंत्री सुरेश भारदवाज के पराला मंडी में दिए उस बयान के लिए भी उनकी आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा कि था कि सेब की कीमतें बाजार में मांग व आपूर्ति में आ रहे उतार -चढ़ाव की वजह से गिर रही है। इसमें किसी को कोई दोष नहीं है। मोर्चा ने एक आवाज में कहा कि यह अदानी, लदानी (खरीददार) और आढ़तियों का पक्ष लेना जैसा है। यह बागवान व किसान विरोधी रुख है। संयुक्त किसान मेार्चा की इस बैठक में अन्यों के अलावा कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह और वामपंथी माकपा विधायक राकेश सिंघा ने भी शिरकत की।
मोर्चा के प्रदेश संयोजक हरीश चौहान ने कहा कि प्रदेश में लगभग 89 फीसद जनता गांव में रहती है व इसमे अधिकांश का रोजगार व आजीविका का मुख्य स्रोत कृषि व बागवानी ही है। आज देश मे कृषि के संकट के चलते प्रदेश के किसानों व बागवानों का संकट भी बढ़ रहा है। खेती में उत्पादन लागत क़ीमत निरन्तर बढ़ रही है और किसानों व बागवानों को उनके उत्पाद का उचित दाम प्राप्त नहीं हो रहा है।
उन्होंने कहा कि जिन संस्थाओं को मंडियों के विकास व किसानों के हितों की रक्षा का दायित्व सौंपा गया है वह अपने दायित्व के निर्वाहन में विफल रही है। जिसके फलस्वरूप आज भी मंडियों में किसानों व बागवानों को उचित मूल्य नहीं मिल रहा है और इनका शोषण बढ़ा है।
इस बैठक में दस मांगों पर सहमति बनी । मोर्चा ने कहा कि प्रदेश में अदानी व अन्य कंपनियों व मण्डियों में किसानों के शोषण पर रोक लगाए व प्रदेश में भी कश्मीर की तर्ज पर मण्डी मध्यस्थता योजना को पूर्ण रूप से लागू किया जाए व सेब के लिए मण्डी मध्यस्थता योजना के तहत ए, बी व सी ग्रेड के सेब के लिए क्रमशः 60 रुपये 44 रुपये व 24 रुपये प्रति किलो समर्थन मूल्य पर खरीद की जाये।
प्रदेश की विपणन मण्डियों में ए पी एम सी कानून को सख्ती से लागू किया जाए। मंडियों में खुली बोली लगाई जाए व किसान से गैर कानूनी रूप से की जा रही मनमानी वसूलीको तुरन्त समाप्त किया जाए। जिन किसानों भी से यह वसूली की गई है उन्हें इसे वापस किया जाए।
चौहान ने कहा कि सेब व अन्य फलों, फूलों व सब्जियों की पैकेजिंग में इस्तेमाल किये जा रहे कार्टन व ट्रे की कीमतों में की गई भारी वृद्धि वापस की जाए व प्रदेश में भारी ओलावृष्टि , वर्षा,असामयिक बर्फबारी,सूखा व अन्य प्राकृतिक आपदाओं से किसानों व बागवानों को हुए नुकसान का सरकार मुआवजा प्रदान किया जाए। प्रदेश की सभी मंडियों में सेब व अन्य फसले वजन के हिसाब से बेची जाए।
(30)





