शिमला। प्रदेश की सड़कों पर सड़क हादसों में मौतें कैसे होती है इस बावत चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इन खुलासों के बाद प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार व उनकी पुलिस को कुछ सोचना जरूर होगा।
सड़क हादसे प्रदेश में रोजाना तीन से चार जानें ले रहे हैं। केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय की ओर से हाल ही में साल 2017 में हुए सड़क हादसों को लेकरहाल ही में जारी रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में 2017 में 1203 लोगों की जानें गई। मायने यह कि हर महीने सौ मौतें। हादसों के पीछे की बड़ी वजहें जो उभर कर सामने आई हैं उनमें ओवर स्पीड, शराब पीकर वाहन चलाना और गलत दिशा में वाहन चलाना शामिल हैं। सबसेज्यादा हैरानी करने वाला खुलासा इस रिपोर्ट में यह हुआ हैं कि सबसे ज्यादा मौतें उन हादसों में हुई हैं जो साफ मौसम व सीधी सड़क पर हुए हैं। बिना लाइसेंस के वाहन चलाना भी प्रदेश की सड़कों पर मौत की वजह बना हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में शहरों के मुकाबले ग्रामीण इलाकों में ज्यादा मौतें हुई हैं और हादसे भी ज्यादा हुए हैं।2017 में प्रदेश में कुल 3114 हादसे हुए जिनमें से ग्रामीण क्षेत्रों में 2442 हादसे दर्ज हुए हैं और 1072 लोगों की जानें गई हैं। जबकि शहरी क्षेत्रों में 672 हादसों में 131 लोगों की जानें गई। रिपोर्ट के मुताबिक इन हादसों में 1424 लोग बुरी तरह से जख्मी हुए जबकि 4028 लोग को हलकी चोटें आई हैं।रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश की सड़कों में 907 हादसे भयानत किस्म के थे इनमें से 120 शहरों में व 787 ग्रामीण क्षेत्रों में हुए हैं।
इन हादसों में 1581 ऐसे हादसे चिन्हित हुए हैं जिनमें चालकों के पास वाहन चलाने का लाइसेंस ही नहीं था।30 के पास लर्नर व बाकी 1553 के पास ही वैध लाइसेंस था। यानि के करीबन पचास फीसद हादसों में चालकों के पास वैध लाइसेंस थे। रिपोर्ट के मताबिक ओवरस्पीड की वजह से 628 सड़क हादसे हुए व इनमें 256 लोगों की मौतें हुई जबकि शराब पीकर वाहन चलाने की वजह से हुए 214 हादसों में 89 लोगों की जानें गई। 1882सड़क हादसों की वजह गलत दिशा में वाहन चलाना रहा और इस तरह के हादसों में 688 लोगों की मौतें हुई हैं।
इन हादसों में अठारह से कम उम्र के 73 किशोर व 29 किशोरियों की मौत हो गई। जबकि 18 से 25 साल के उम्र के 210 युवकों व 15 युवतियों की मौत हुई हैं। 25 से 35 आयुवर्ग के 279 पुरूषों व 32 महिलाओं, 35 से 45 आयुवर्ग के 194 पुरूष व 29 महिलाओं,45 से 60 आयुवर्ग के 177 पुरूषों व 43 महिलाओं जबकि 60 साल से ज्यादा उम्र के 95पुरूषों व 27 महिलाओं की जानें इन सड़क हादसों ने लील ली हैं। दो पहिया वाहनों के हादसाग्रसत होने से 336 जानें गई जबकि कार, जीप,वैन और टैक्सियों के हादसाग्रस्त होने से 519 लोगों की मौतें हुई हैं।
मौसम के हिसाब से रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि साफ मौसम में 2733 हादसे हुए व इनमें 1068 लोगोें कीजानें गई हैं। यानि के हादसों व इनमें होने वालीे मौतों का खराब मौसम से कोई लेना देना नहीं हैं। 2017 में
बरसात में हुए 161 हादसों में 49,धुंध की वजह से 212 हादसों में 83 लोगों की जानें गई। रिपोर्ट के मुताबिकसीधी सड़क पर हुए 2016 हादसों में 667 लोगों की मौतें हुई। जबकि घुमावदार व तीखें मोडाÞें पर 763 हादसों में 383लोगों की जानें गई। रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ हैं कि खुली जगह पर हुए सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। 1490 हादसे खुली जगह पर हुए और इनमें 700 लोगोें की मौतें हुई हैं जबकि आवासीय क्षेत्र में 626 हादसों में 233 मौतें हुई। बाजारों और वाणिज्यिक इलाकों में हुए 421 हादसों में 97 लोगों की मौतें हुई हैं।
(4)