शिमला। हिमाचल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड इम्प्लॉइज यूनियन ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के ऊर्जा सलाहकार पूर्व आइएएस अधिकारी राम सुभग सिंह की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न उठाए है। राजधानी में बोर्ड मुख्यालय में यूनियन की राज्य कार्यकारणी की बैठक में सुक्खू सरकार की नीतियों के अलावा सुक्खू के ऊर्जा सलाहकार की कारगुजारियों पर भी चिंतन किया गया।
बैठक में यूनियन के अध्यक्ष कामेश्वर दत्त शर्मा ने संगीन इल्जाम लगाया कि बिजली बोर्ड में जो भी उथल-पुथल मची है उसके लिए मुख्यमंत्री के सलाहकार जिम्मेदार है। बैठक में इसके अलावा भी गुब्बार निकाला गया और सुक्खू सरकार को कटघरे में खड़ा किया गया।
याद रहे बीते रोज ही बिजली बोर्ड के आउटसोर्स कर्मचारियों ने बिजली बोर्ड मुख्यालय के बाहर महाधरना दिया था। वो 81 आउटसोर्स चालकों को नौकरी से निकाले जाने के विरोध में यहां एकत्रित हुए थे।
आज हिमाचल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड इम्प्लॉइज यूनियन की राज्य कार्यकारिणी की बैठक हो गई।
यूनियन के अध्यक्ष कामेश्वर दत शर्मा और महासचिव हीरा लाल वर्मा ने कहा कि बैठक बिजली बोर्ड की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताई और इल्जाम लगाया कि आज बिजली बोर्ड बड़े विकट परिस्थितियों से गुजर रहा जिसके लिए सीधे-सीधे सुक्खू सरकार की नीतियां जिम्मेदार है। एक ओर सरकार बिजली बोर्ड में वितीय स्थिति के नाम पर पदों को खत्म किया जा रहे है, आउटसोर्स कर्मियों की सेवाएं समाप्त की जा रही है और बोर्ड़ में पद्दोन्नति तक बंद रखी गई है लेकिन दूसरी ओर बिजली बोर्ड में धड़ाधड़ कार्यालय खोले जा रहे है जिसमें करोड़ों की लागत रहेगी।
सरकार में ये कोई नहीं सोच रहा है कि बोर्ड के पास चार निर्माणाधीन परियोजनाएं देवी कोठी, हेल और साई कोठी -1 और 2 को कैसे पूरा करना है।
उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड को पिछले दो वर्षों से सरकार में अफसरशाही की ओर से प्रयोगशाला बनाया गया है जिससे बोर्ड में सब कुछ अव्यवस्थित कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि इन गलत नीतियों के चलते आज बिजली बोर्ड कर्मचारियों के एक साल से ग्रेच्यूटी, लीव इनकेशमेंट, ओवरटाइम,मेडिकल बिल और संशोधित वेतनमान की बकाया राशि का 20 फीसद जैसे वित्तीय लाभ सालो से लंबित पड़े है।
प्रदेशाध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि बिजली बोर्ड में कर्मचारियों की पद्दोन्नति लम्बित पडी है परिणामस्वरूप कर्मचारी बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त हो रहे है। उन्होंने प्रबंधन वर्ग और आरोप लगाया कि पदोन्नति की फ़ाइल को बिना किसी जरूरत के मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा जा रहा है जिससे इन मामलों में देरी हो रही है।
इन मुद्दों पर यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष ने कहा यदि इन मामलों को जल्दी निपटारा नहीं किया तो यूनियन को मजबूरन आंदोलन की ओर बढना पड़ेगा।
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