शिमला। बीए प्रथम साल की छात्रा के साथ मोबाइल पर अश्लील बातें करने वाले जिला के सीमा पीजी कालेज के प्रधानाचार्य ब्रजेश चौहान का मोबाइल पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है और इसे आगे की जांच के अब फारेंसिक प्रयोगशाला भेजा जाएगा। समझा जारहा है कि मोबाइल से कई राज खुल सकते है।
रोहड़ू पुलिस ने चौहान से पूछताछ शुरू कर दी है । । बीते रोज पुलिस ने चौहान के खिलाफ पोक्सो अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया था। चौहान को प्रदेश हाईकोर्ट से तीन जनवरी तक जमानत मिली हुई है। रोहड़ू के डीएसपी चमन लाल ने कहा कि अभी तक उनके पास एक ही शिकायत आई है। अगर कोई और शिकायतें आएंगी तो पुलिस जरूर जांच करेंगी। चौहान की गिरफतारी को लेकर छात्रों व अन्य लोगों की ओर से दिए गए धरने के दौरान इस पर कई इल्जाम लगाए गए थे। लेकिन पुलिस के पास कोई न्य शिकायत कर्ता नहीं पहुंचा है। लेकिन सोशल मीडिया पर चौहान के बड़े रसूखदार लोगों के साथ तस्वीरें जरूर साझा की जा रही है।
याद रहे इस मामले पर कालेज के छात्रों व अन्य लोगों ने पुलिस की अब तक की कार्यवाही पर कई तरह के सवाल खड़े किए है। चौहाान को पुलिस ने एफआइआर होने के तीन चार दिनों तक गिरफतार ही नहीं किया था। इतना मौका मिल जाने पर उसे हाईकोर्ट से जमानत लेने का मौका मिल गया।
बीते रोज जयराम सरकार ने निलंबति कर दिया था। उधर,पुलिस की ओर से इसे गिरफतार न करने पर प्रदेश हाईकोर्ट ने इस प्राचार्य को सोमवार तक अंतरिम जमानत दे दी है और जांच में शामिल होने के आदेश दिए है।
अब गुडिया सक्षम बोर्ड ने भी उठाई आवाज
उधर, गुडिया सक्षम बोर्ड ने इस मामले को लेकर कड़ा संज्ञान लेते हुए बोर्ड की उपाध्यक्ष रूपा शर्मा ने पुलिस से कहा कि इस प्रधानाचार्य की किसी भी कीमत पर नियमित जमानत नहीं होनी चाहिए। उन्होंने इस घिनौनी हरकत के लिए शिक्षकों को शर्मसार करने वाला घटिया अपराध बताया ।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए रूपा शर्मा ने पुलिस से कहा कि आरोपी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए ताकि उसे सजा दिलाई जाए । उन्होंने कहा इसकी किसी भी कीमत पर नियमित जमानत नहीं होनी चाहिए अन्यथा बेटियों व अभिभावकों में असुरक्षा का माहौल बढ़ेगा और इस तरह की घटिया मानसिकता वाले लोगों का उत्साह बढ़ेगा । उन्होंने कहा कि शिक्षा संस्थान एक मंदिर है । यहां से ज्ञान प्राप्त कर हमारी युवा पीढ़ी राष्ट्र सेवा से प्रेरित होकर एक अच्छे नागरिक की भूमिका निभाती है। यदि इस मंदिर में ही इस प्रकार के घिनौने अपराध पोषित होगें तो शिक्षक जो अच्छे नागरिक बनाने की एक महत्त्वपूर्ण कड़ी है वहीं ऐसी निंदनीय घटना को अंजाम देगें । ऐसे में
समाज में कैसे अपने बच्चों को सुरक्षित रखकर एक सुदृढ समाज बना पाएंगें ।
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