शिमला।मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पथ परिवहन निगम के स्वर्ण जयंती समारोह के मौके पर एलान किया कि एचआरटीसी कर्मियों के 55 माह के ओवर टाइम की अदायगी के लिए प्रदेश सरकार 50 करोड़ रुपये प्रदान करेगी तथा 31 मार्च 2025 तक ओवर टाइम का पूर्ण भुगतान कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि एचआरटीसी कर्मचारियों के 9 करोड़ रुपये के लम्बित चिकित्सा बिलों की प्रतिपूर्ति आगामी दो माह में कर दी जाएगी। समारोह में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विशेष अतिथि के रूप में शिरकत की।
उन्होंने इस महीने एचआरटीसी कर्मचारियों को वेतन और पेंशनरों की पेंशन 28 अक्तूबर को प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि
मुख्यमंत्री ने एचआरटीसी को ग्रीन एचआरटीसी तथा 31 मार्च 2026 तक आत्मनिर्भर निगम बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2025 तक एचआरटीसी अधिकारियों के सभी वाहन इलैक्ट्रिक वाहन से बदल दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने निगम से जुड़ी मधुर स्मृतियों को सांझा करते हुए कहा कि एचआरटीसी ने 50 वर्षों में सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने एचआरटीसी से आगामी 50 वर्षों की योजना पर भी कार्य करने को कहा। उन्होंने कर्मचारियों से एचआरटीसी को आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग करने का आग्रह किया तथा कहा कि वर्ष 2026 तक प्रदेश सरकार निगम को विद्युत ऊर्जा के माध्यम से आगे बढ़ाना चाहती है। निगम की बसों में ग्रीन हाईड्रोजन इंधन के रूप में इस्तेमाल की जाएगी। इन सकारात्मक उपायों से एचआरटीसी की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पूर्व भाजपा सरकार द्वारा की गई वित्तीय अनियमितताओं को ठीक कर प्रदेश की आर्थिक स्थिति को संबल प्रदान कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एचआरटीसी ने वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल के दौरान उल्लेखनीय उपलब्धियां अर्जित की हैं। प्रदेश सरकार आत्मनिर्भर हिमाचल के संकल्प को साकार करने के लिए हर क्षेत्र में सार्थक प्रयास कर रही है। इसी दृष्टिकोण के साथ एचआरटीसी को भी आर्थिक तंगी से उबारने के प्रयास किये जा रहे हैं।
एचआरटीसी के लगभग 7300 कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया गया है और 1546 अनुबंध कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित किया गया है। परिवहन निगम में 608 लोगों को रोजगार प्रदान किया गया है और 550 पदों को भरने की प्रक्रिया जारी है। एचआरटीसी के 421 कर्मचारियों को पदोन्नती का लाभ दिया गया है।
कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान निगम के बेड़े में 210 नई साधारण बसेंए 11 वोल्वों बसें और 35 इलैक्ट्रिक बसें शामिल की गई हैं। वर्तमान में 297 टाइप एक इलैक्ट्रिक बसें, 30 वातानुकूलित टाइप.3 इलैक्ट्रिक बसें, 50 मिनी व मिडि बसें और 24 वोल्वों बसें खरीदने की प्रक्रिया जारी है। सरकार ने एचआरटीसी को इलैक्ट्रिक बसें खरीदने के लिए 327 करोड़ रुपये प्रदान किये हैं। इसके अलावा दो हजार टाइप.दो इलैक्ट्रिक बसों को खरीदने की प्रक्रिया भी चल रही है।
प्रदेश सरकार की ओर से यात्रियों की सुविधा के लिए कैशलेस माध्यम से किराए के भुगतान के लिए बसों में क्रेडिट कार्डए डेबिट कार्ड, यूपीआई व एनसीएमसी कार्ड की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। परिवहन क्षेत्र में यह सुविधाएं प्रदान करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य है। यह सब निगम प्रबंधन और इसके कर्मठ कर्मचारियों के प्रयासों से ही संभव हो पाया है।
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने स्वर्ण जयंती समारोह की बधाई देते हुए कहा कि एचआरटीसी की पहचान अपने कर्मचारियों की व्यवसायिकता और प्रतिबद्धता है जो विपरीत परिस्थितियों में भी अपने दायित्वों का निर्वहन करते हैं। आज एचआरटीसी बस में यात्रा करना आनंद और आकर्षण का पर्याय हैं। एचआरटीसी में प्रबंधन कौशल से ऑक्यूपेंसी में वृद्धि हुई है और लोगों में निगम के प्रति विश्वास बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का एचआरटीसी से भावनात्मक रिश्ता है। मुख्यमंत्री के पिता स्वर्गीय रसील सिंह ठाकुर ने निगम की अनुकरणीय सेवा की है। एचआरटीसी रोजाना छह लाख यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचाता है। उन्होंने इलेक्ट्रिक बसों के लिए 327 करोड़ रुपये प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि एचआरटीसी को व्यावसायिक नजरिए से नहीं देखा जा सकता यह घाटे के रूटों पर भी निरंतर सेवाएं प्रदान करता है। यह संस्था लोक कल्याण के लिए कार्य कर रही है। एक दिन में निगम द्वारा लगभग 50 लाख रुपये रियायती सफर की सेवा के लिए वहन किए जाते हैं।
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