शिमला। जिला शिमला के चांशल इलाके के जांगलिक से जिला किन्नौर की सांगला घाटी के लिए रवाना हुए पश्चिमी बंगाल के सात पर्वतारोहियों में से एक की बर्फबारी, बारिश और आक्सीजन की कमी होने के वजह से मौत हो गई है जबकि दूसरे घायल पर्वतारोही को वायु सेना के हेलीकाप्टर की मदद से गंभीर हालत में बचा लिया गया है। उसे ब्रुआ कंडा दर्रे के पास से सुबह एयरलिफट कर सांगला के अस्पताल में दाखिल किया गया है व अब उसे रामपुर के अस्पताल को रेफर किया जा रहा है।
इसके अलावा पांच बाकी पर्वतारोही जिला किन्नौर के मनीरंग शिविर में सुरक्षित पहुंच गए है उन्हें पुलिस व होमगार्ड के जवान सुरक्षित सांगला ला रहे है।
बीते रोज पर्वताराहियों का सात सदस्यों का दल चिड़गांव के चांशल के समीप जांगलिक से चंद्रनाहन झील होता हुआ सांगला की ओर निकला था। लेकिन बीती शाम को क लकता के 42 साल के देवाशीष महतो की ब्रुआ कंडा दर्रे के पास तबीयत खराब हो गई और उनकी मौत हो गई। दूसरा पर्वतारोही रूपम घोष भी यहीं पर आॅक्सीजन की कमी व ठंड की वजह से बेसुध हो गया। एसपी किन्नौर साक्षी वर्मा ने कहा कि इस बावत रात को प्रशासन को जानकारी मिली व पुलिस व प्रशासन का दल सुबही मौके के लिए रवाना हो गया। वर्मा ने कहा कि 12 बजे के करीब कुप्पा हेलीपैड से घायल व्यक्ति रुपम घोष को बचा लिया गया था व मृतक व बाकी पर्वतारोहियों को नीचे लाया जा रहा है।
वर्मा ने कहा कि दूसरे 13 सदस्यों के दल में से आठ को रूपिन घाटी से सुरक्षित सांगला पहुंचाए जा चुके है व बाकियों को सुरक्षित सांगला पहुंचाया जा रहा है।
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