शिमला। पेट्रो उत्पादों के कारोबार की नामी सरकारी कंपनी इंडियन आयल ने प्रदेश के उभरते व संभावित खिलाड़ियों से इंडियन आयल से जुड़ने का आग्रह किया है। कंपनी के कार्यकारी निदेशक कारपोरट संचार सुबोध डाकवाले ने यहां कहा कि प्रदेश से केवल एक ही खिलाड़ी है जो इंडियन आयल से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि उभरते खिलाड़ियों के लिए इंडियन आयल की ओर से नौ हजार रुपए प्रति महीना मदद दी जाती है। इसके अलावा आने जाने व रहने की सुविधा अलग से दी जाती है। इंडियन आयल प्रदेश से खिलाड़ियों को अपने साथ जोड़ना चाहेगा ताकि वह ओलपिंक,एशियन ,राष्टÑमंडल व बाकी खल स्पर्धाओं में देश का नाम रोशन कर सके।
उन्होंने कहा कि इंडियन आयल अभी डेढ सौ खिलाड़ियों को मदद कर रहा है व इनमें से कइयों को नौकरी दी गई है व कइयों को नौ हजार रुपए की छात्रवृति दी जा रही है। वह इस तादाद को अढाई सौ करने जा रहा है। ऐसे में हिमाचल से भी भागीदारी हो तो यह यहां खिलाड़ियों को अच्छा होगा।
वह यहां संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि कंपनी ऊना में साल के आखिर तक 507 करोड़ की लागत कादेश का पहला आधुनिकतम टर्मिनल स्थापित कर प्रदेश के लिए पेट्रोल,डीजल और रसोई गैस की आपूर्ति यहीं से करेगा। अभी तक यह आपूर्ति अंबाला और जालंधर से की जा रही है। डाकवाले ने कहा कि जांलधर से ऊना तक पाइपलाइन बिछाई जा रही है व पेट्रो उत्पादों की आपूर्ति पाइपलाइन से की जाएंगी। इसक अलावा इस टर्मिनल से भारतीय रक्षा बलों को लेह व लद्वाख में सर्दी में इंधन भंडारण की जरूरतों को पूरा किया जाएगा। यह उनके लिए रणनीतिक भंडारण स्थल भी होगा।
उन्होेंने कहा कि बेशक अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमती घटी है लेकिन कंपनी की ओर से विस्तार और आधुनिक तकनीक पर ज्यादा खर्च करना पड़ता है। इसके अ लावा कीमतों में बढ़ोतरी सरकार की ओर से लगाए गए विभिन्न कीरो की वजह से हैं। ऐसे में वह कीमतें घटाने की स्थिति में नहीं है।
उन्होंने कहा कि तेल कंपनियां जीएएसटी के तहत लाई जानी चाहिए। लेकिन वह इस बावत कुछ भी कहने को अधिकृत नहीं है। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश के पट्रोल पंपों पर भी छोटे रसोइ गैस सिलेंडर मिलना शुरू हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि इंडियन आयल ने 21 हजार 346 करोड़ का मुनाफा कमाया लेकिन ये पेट्रोल व डीजस से ही नहीं है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए कंपनी बीएस-6 र्इंधन जारी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 2019 तक इसे एनसीआर में और 2020 तक पूरे देश में जारी कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हिमाचल के हर घर में रसोई गैस कन्ेकशन पहुंचाया जाएगा। प्रदेश में 93 गांवों में यह लक्ष्य पूरा कर लिया गया है और उन्हें नो स्मोक गांव घोषित कर दिया गया है।
मुख्य महापब्रंधक संजीव जैनने कहा कि चूंकि रसोईगैस को अब गांव गांव तक पहुंचाया जा रहा हैं। ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से भी तेल कंपनियां गंभीर हैं और इस बावज 1906 हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। गैस सिलेंडर में किसी भी शिकायत को लेकर इस नंबर पर कॉल की जा सकती है।
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