शिमला। प्रदेश के सात जिलों में समाज के निचले तबकों को उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही गैर सरकारी संस्था सूत्रा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को निजी स्कूलों के लिए नीति बनाने का उनका वादा याद दिलाया है। सूत्रा के निदेशक सुभाष मेंढापुरकर ने कहा कि प्रदेश में निजी स्कूलों के लिए न तो कोई नीति है और न ही उन पर नियंत्रण के लिए कोई कानून है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के छोटे -छोटे कस्बों में बिना बुनियादी ढांचे को खड़ा किए सैंकड़ों की तादाद में निजी स्कूल खुल गए है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने नीति बनाने की बात की थी लेकिन आज चार महीने बीत जाने के बावजूद इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है।
उन्होंने कहा कि पहली से पांचवी कक्षा तक के स्कूल ग्रांट सहित पंचायत के नियत्रंण में आ जाएं तो प्रति विद्यार्थी खर्चे में कटौती होगी व कम बच्चे होने के कारण स्कूल बंद करने की नौबत नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में बुनियादी ढांचे और शिक्षित शिक्षकों के मामले में स्थिति कुछ ठीक है लेकिन गुणवता के मामले पर कई सवाल है। इसके लिए शिक्षा नीति, कानून निर्माण में नागरिकों एवं नागर समाज की भागीदारी सुनिश्चित की जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि उनकी संस्था ने नेशनल कोएलिशन फॉर एजूकेशन के प्रतिनिधित्व में ग्लोबल एक्शन वीक के दौरान शिक्षा के लिए वोट विषय को लेकर 22 से 28 अप्रैल तक एक अभियान चलाया गया ताकि सरकार को जिम्मेदार बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि उनकी संस्था ने सात जिलों में गुणवत्तापूर्ण,समावेशी व निशुल्क शिक्षा की मांग को लेकर बैठकों, हस्ताक्षर अभियान व मांगो संबंधी ज्ञापन जिला अधिकारियों के मार्फत मुख्यमंत्री को भेजा है।
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