शिमला। सुक्खू सरकार ने बजट में कर्मचारियों को आगामी मई महीने से तीन फीसद मंहगाई भता देने का एलान तो कर दिया है लेकिन 2016 से 2022 के बीच का जो बढ़े वेतनमानों का एरियर है उस पर चुप्पी साध ली है। यानी कि तमाम कर्मचारियों को इस वित साल में भी एरियर मिलेगा इस पर संशय बरकरार हैं। प्रदेश के कर्मचारी लंबे समय से एरियर अदा करने की मांग कर रहे हैं।लेकिन उन्हें आश्वासन ही दिए जा रहे है।
इसके अलावा बजट भाषण में बिजली बोर्ड के हजारों कर्मचारियों के अलावा बाकी छूट गए कर्मचारियों को अगले वित साल में भी ओपीएस दी जाएगी इस बावत भाषण में कोई जिक्र नहीं हैं।समझा जा रहा है कि वितीय स्थितियों के मुताबिक सुक्खू सरकार अपने इस मेगा वादे को पूरा करने की स्थिति में नहीं हैं।
बहरहाल,बजट भाषण में मुख्यमंत्री ने मई महीने से कर्मचारियों को तीन फीसद डीए की किश्त अदा करने का एलान जरूर किया है।यही नहीं वो अपने भाषण के आखिर में ओपीएस की जगह केंद्र सरकार की यूपीएस का जिक्र भी कर गए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का उन पर यूपीएस लागू करने के लिए दबाव है और सरकार कर्मचारियों को भरोसे में लेकर कोई फैसला लेंगी।ऐसे में कर्मचारियों में अब ओपीएस को लेकर भी संशय पनपने लगा हैं। साफ है कि सुक्खू सरकार अपने शुरू के रुख से फिसलती नजर आ रही हैं।
सुक्खू ने 70 साल की आयु से ऊपर के सेवानिवृत कर्मचारियों को ही एरियर अदा करने का प्रावधान बजट में किया हैं।
बजट में इस वित साल में 25 हजार रोजगार देने का एलान किया हैं। ये रोजगार देने का एलान है सरकारी क्षेत्र में इतनी नौकरियां देने का वादा नहीं हैं। ये नौकरियां भी मिलेंगी या नहीं ये भरोसे के साथ नहीं कहा जा जा सकता। बेशक अस्थाई कर्मचारियों के मानदेयों में हलकी बढ़ोतरी की गई है लेकिन जिस तरह की वितीय तस्वीर बजट में उभर कर आ रही है वो अब तक की सबसे भयानक तस्वीर हैं।
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