शिमला। जिस सेली पावर प्रोजेक्ट के मामले में प्रदेश हाईकोर्ट की एकल पीठ ने अपफ्रंट मनी जमा न कराने पर हिमाचल भवन को अटैच कर उसकी नीलामी का रास्ता खोल दिया था उस मामले में प्रदेश हाईकोर्ठ की एकल पीठ की जनवरी 2023 के फैसले पर प्रदेश हाईकोर्ट की खंडपीठ ने दोबारा से स्टे लगा दिया है।
जस्टिस विवेक सिंह ठाकुर और जस्टिस सुशील कुकरेजा ने हाईकोर्ट की जस्टिस संदीप शर्मा के जनवरी 2023 के फैसले पर बीते रोज सरकार की ओर से दायर एलपीए की सुनवाई करते हुए ये स्टे लगा दिया।
हालांकि सेली हाइडल पावर कंपनी ने सरकार की अर्जी का विरोध किया व कहा कि पूरी रकम जमा नहीं कराई है। इसके अलावा स्टे की अर्जी भी गलत प्रावधानों के तहत दायर की गई है। लेकिन जस्टिस ठाकुर और कुकरेजा ने कंपनी की दलीलों को खारिज कर दिया। सरकार की ओर से पूर्व में इस फैसले के मुताबिक अप फ्रंट मनी की 64 करोड़ व बयाज की रकम रजिस्ट्री में जमा न कराने पर खंडपीठ ने पिछले साल इस स्टे को हटा दिया था।
इस मामले में तब प्रदेश हाईकोर्ट में सेली हाइडल पावर कंपनी की ओर से 64 करोड़ रुपए की अप फ्रंट मनी जमा कराने को लेकर दायर एग्जीक्यूशन याचिका की सुनवाई करते हुई जस्टिस अजय मोहन गोयल की एकल पीठ ने हिमाचल भवन को अटैच कर कंपनी को इसकी नीलामी कर अपनी रकम वसूलने की छूट दे दी थी। इस आदेश के बाद प्रदेश में हाहाकार मच गया था और आनन फानन में सुक्खू सरकार को बयाज समेत हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में 94 करोड़ रुपए जमा कराने पड़े थे।
लेकिन अभी हिमाचल भवन की अटैचमेंट को हटाने को लेकर स्थिति साफ नहीं है। चूंकि अटैचमेंट के आदेश जस्टिस अजय मोहन गोयल की एकल पीठ से हुए थे व वहां पर मामला अभी भी लंबित है।
जस्टिस गोयल ने अपने आदेश में कहा कि सरकार के जिस अधिकारी या जिन अधिकारियों की वजह से जनता के खजाने ये रकम बढ़ती गई और 94 करोड़ तक पहुंच गई उसे चिन्हित किया जाए ताकि अदालत जनता के खजाने के बजाय उन अधिकारियों की जेब से ब्याज की इस रकम को वसूल करने बावत फैसला लेने को लेकर विचार कर सके। सरकार ने जनवरी 2023 से लेकर नंवबर 2024 तक ये रकम जमा नहीं कराई थी व 64 करोड़ पर बयाज बढ़ता गया और ये रकम 94 करोड़ रुपए तक पहुंच गई।
जस्टिस गोयल ने इस बावत प्रधान सचिव पावर को जांच करने के आदेश दिए थे व एक सप्ताह में रपट मांगी थी लेकिन करीब दो महीने से ज्यादा समां हो जाने के बावजूद ये जांच नहीं हो पाई है और अफसरों को चिन्हित नहीं किया जा सका है। बहरहाल अब इस बावत जस्टिस गोयल की अदालत में मामला की सुनवाई 9 जनवरी को होनी है।
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