शिमला। शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री बने जयराम ठाकुर और उनके बिना विभागों के मंत्रियों ने पहली ही केबिनेट में वीरभद्र सरकार की ओर से विभिन्न बोर्डों और निगमों में चेयरमैन और वायस चेयरमैन लगाए चहेतों पर गाज गिरा दी। केबिनेट ने तुरंत प्रभाव से इन सबको हटा दिया।इनमें मुख्यमंत्री कार्यालय में मौज उड़ा रहे टीजी नेगी,सुभाष आहलुवालिया और त्रिलोक चंद जनारथा जैसे कई हटा दिए गए हैं।
जयराम ठाकुर ने देर शाम तक किसी भी मंत्री को कोई विभाग नहीं बांटा था।बताते है कि विभागों के आवंटन को लेकर घमासान मचा हुआ हैं।
यही ही नहीं केबिनेट ने वीरभद्र सरकार की ओर से अपने लाडलों को दिए सेवा विस्तार और पुन:नियुक्तियों को भी तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया हैं। बैठक में वीरभद्र सरकार के आखिारी के छह महीनों के कार्यकाल के दौरान लिए गए फैसलों की समीक्षा करने का भी फैसला लिया हैं।
मंत्रिमण्डल ने निर्देश जारी किए गए कि प्रदेश लोक सेवा आयोग तथा स्टाफ चयन आयोग के दायरे से बाहर की जा रही भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी जाए।
केबिनेट बैठक में प्रदेश में जंगली जानवरों व अवारा पशुओं की वजह से उपजी समस्याओं के समाधान के लिए मंत्रिमंडल के सदस्यों की एक उप समिति गठित की गई है। समिति में मंत्री अनिल शर्मा,रामलाल मारकंडे और गोबिंद ठाकुर को बतौर सदस्य शामिल किया गया हैं।यह अपने आप में बड़ा फैसला हैं। बैठक में मेडिकल कॉलेज के साक्षात्कार प्रक्रिया को जारी रखने का निर्णय लिया गया।
मंत्रिमण्डल ने वृद्धजनों को लाभान्वित करने के लिए बिना आय की सीमा से प्रदान की जाने वाली वृद्धावस्था पैंशन की आयु सीमा को 80 वर्ष से घटा कर 70 वर्ष करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। यह निर्णय राज्य के वृद्धजनों के लिए नववर्ष का बड़ा तोहफा है।
मंत्रिमण्डल ने निर्णय लिया कि विधान सभा का शीतकालीन सत्र 9 से 12 जनवरी 2018 तक धर्मशाला में आयोजित किया जाएगा।
मंत्रिमण्डल ने ऐसे स्थानान्तरण आदेश जो अभी कार्यन्वित नहीं हुए है उन पर यथा.स्थिति बनाए रखने का निर्णय लिया।
बैठक में निर्णय लिया गया कि भाजपा के हिमाचल दृष्टि पत्र 2017 को सरकार के नीति दस्तावेज के तौर पर अपनाया जाएगा।
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