दिल्ली। बेशक अक्तूबर महीने में भारत के सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकों की शादी को मान्यता देने से इंकार कर दिया था व मामला संसद पर छोड़ दिया था लेकिन पड़ोसी देश नेपाल में किन्नर के साथ शादी को कानूनी मान्यता मिल गई हैं। नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार, 29 नंवबर को 38 साल की माया गुरंग जो कि एक किन्नर है की 27 साल के सुरेंद्र पांडे के साथ शादी को मान्यता दे दी। इन दोनों की शादी को नेपाल के लैमजंग जिला में शादी का कानूनी प्रमाण पत्र दे दिया गया हैं।
माना जा रहा है कि दक्षिणी एशिया में समलैंगिको की ये पहली कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त शादी हैं।अब ये दोनों पति पत्नी बन गए हैं।
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक शादी पंजीकृत होने के बाद माया गुरंग ने कहा कि वह इस फैसले से बेहद खुश है । यह एक लंबी लड़ाई का नतीजा हैं। जबकि पांडे ने भी कहा कि वह जीत गए है और वह बेहद खुश हैं। अब वह एक दूसरे अब पति पत्नी कह सकते हैं।
मीडिया खबरों के मुताबिक गुरंग व माया करीब आठ साल पहले एक रेस्तरां में मिले थे और एक दूसरे को अपना दिल दे बैठे थे। उनका प्यार नेपाल की नारायणी नदी के किनारे पनपा और वे अपने जीवन की घटनाओं व अपने माता- पिता के खो जाने के नुकसान के बारे में अपने अनुभव साझा करने लगे।
करीब छह साल पहले इन दोनों हिंदू रीति रिवाजों के मुताबिक विवाह कर लिया लेकिन कानूनी और सामाजिक तौर पर इन्हें भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। ये साझा बैंक खाता और साझे तौर पर जमीन तक नहीं खरीद सकते थे।
लेकिन जून में ये मामला नेपाल के सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकों व किन्नरों की शादी को मान्यता देने और उन्हें पंजीकृत करने का एक अंतरिम आदेश पारित कर दिया।अदालत ने सरकार को इन लोगों की शादी को पंजीकृत करने के लिए एक नया रजिस्टर शुरू करने का आदेश दिया।
इन दोनों ने उम्मीद जताई कि ये दोनों अब बच्चे को भी गोद ले सकते हैं और इससे उन जैसे बाकी समलैंगिकों को भी नई आस जगी हैं।
नेपाल ने 2013 में ट्रांसजेंडर को थर्ड जेंडर के तौर मान्यता दे दी थी। समलैंगिकों के हकों के लिए संघर्ष कर रही संस्था ब्लू डायमंड सोसायटी इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले गई थी। मीडिया में सोसायटी के संस्थापक सुनील बाबू पंत ने कहा कि ये ऐतिहासिक दिन है व इससे औरों का रास्ता भी आसान होगा।
(25)







