शिमला। अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में पेपर लीक मामले में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को चुनौती दी है कि इस धांधली में टॉप से बॉटम तक कौन लोग संलिप्त है उनके नामों का सार्वजनिक तौर पर खुलासा करें।
याद रहे बीते रोज आयोग को भंग करने के बाद सुक्खू ने मीडिया से कहा था कि पिछले तीन सालों से यहां पर पेपर लीक हो रहे थे व युवाओं से धोखा किया जा रहा था। सुक्खू ने कहा कि इस मामले में टॉप से बॉटम तक सभी संलिप्त थे। जयराम ठाकुर राजधानी में इसी बावत पूछे सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार को उनके नामों का खुलासा कर उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए ।
जयराम ठाकुर ने पेपर लीक का ठीकरा आयोग के पूर्व सचिव पर फोडते हुए कहा कि प्रश्नपत्रों से जुडा तमाम काम आयोग के सचिव का होता हैं।
यह उनकी जिम्मेदारी है कि प्रश्नपत्र लीक न हो। आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों का तो नियमों के मुताबिक इस मामले में कोई दखल ही नहीं होता।
उन्होंने आगे जोडा कि आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति भाजपा के शासन में हुइ थी व आयोग को भंग करने के फैसले से साफ लग रहा है कि सरकार अध्यक्ष व सदस्यों को आयोग में नहीं रखना चाहती और इसलिए इसे भंग कर दिया हैं।
जयराम ने कहा कि सरकार ने नियमों को देख कर ही आयोग को भंग किया होगा लेकिन असल चिंता उन 4 हजार के करीब युवाओं की है जिनकी परीक्षाएं होनी थी या जिनकी परीक्षाएं हो चुकी है और परिणाम निकलना हैं। यहां पर चार हजार के करीब विभिन्न पदों की भर्ती के लिए प्रक्रिया चली हुई थे।
जिन कर्मचारियों व अधिकारियों ने पेपर लीक किया उनके खिलाफ तो कार्रवाई होनी ही चाहिए लेकिन साथ इन चार हजार युवाओं के साथ भी खिलवाड नहीं होना चाहिए।ये युवाओं अपनी नौकरी की बहाली की राह देख रहे हैं।
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