शिमला।हिमाचल किसान सभा, हिमाचल सेब उत्पादक संघ, हिमाचल दूध उत्पादक संघ,हिमाचल टमाटर एवं सब्ज़ी उत्पादक संघ, हिमाचल भूमि अधिग्रेहण प्रभावित मंच एवं अन्य जन संगठनों ने 23 दिसम्बर को सभी जिलों में उपायुक्त कार्यालय के बाहर आंदोलन करने और कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति मसौदे की प्रतियां जलाने का एलान किया है।
हिमाचल किसान सभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह तंवर ने कहा कि 23 दिसंबर के विरोध प्रदर्शन में पंजाब,हरियाणा सीमा और ग्रेटर नोएडा में किसानों के पुलिस दमन, किसानों की मांगों को लेकर अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के जीवन की रक्षा, जेल में बंद नोएडा आंदोलन के किसानों की रिहाई, उन पर से थोपे झूठे मुकदमों की वापसी, कृषि विपरण पर राष्ट्रीय मसौदे की वापसी, स्वामीनाथन आयोग के मुताबिक सभी फसलों का समर्थन मूल्य, किसानों की ऋण मुक्ति एवं किसानों की कब्जे वाली जमीन से बेदखली बन्द करो जैसे प्रमुख मुद्दों मांगों पर आवाज उठाई जायेगी।
हिमाचल किसान सभा के अध्यक्ष ने कहा कि आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के गिरते स्वास्थ्य पर चिंता प्रकट करते हुए उनके जीवन की रक्षा करने, यदि कोई अनहोनी होती है तो इसके लिए प्रधानमंत्री, केन्द्रीय गृहमंत्री,हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्री जिम्मेदार होंगें। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने भी के अनशन कर रहे जगजीत सिंह डल्लेवाल की जीवन रक्षा के निर्देश केन्द्र व राज्य सरकारों को दिये हैं, वहीं देश की सर्वोच्च अदालत से मांग है कि वह सरकार को किसानों की मांगें सुनने और उन्हें पूरा करने का भी निर्देश दे।
तंवर ने कहा कि ग्रेटर नोयडा में शान्तिपूर्ण आंदोलन कर रहे किसानों पर झूठे आरोप लगाकर 109 किसानों को जेल में डाला गया है। नेताओं को तन्हाई में रखकर मानसिक उत्पीड़न के साथ उनके शांतिपूर्वक आंदोलन धरना -प्रदर्शन करने के जनतांत्रिक अधिकारों का हनन है।किसानों पर झूठे केस थोपने के लिए जिम्मेदार पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह और अन्य पुलिस अधिकारियों को दण्डित किया जाए।
उन्होंने कहा कि डिजिटल कृषि मिशन, राष्ट्रीय सहकार नीति और अब नई कृषि विपणन मसौदा किसानों के साथ साजिश है। इन्हें तत्काल वापस लिया जाए व किसान नेताओं ने ऐसी तमाम नीतियों के पीछे रद्द किये गये तीनों कृषि कानूनों को चोर दरवाजे से लागू करने की मोदी सरकार की साजिश बताया है।
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