कांगड़ा/शाहपुर।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 500 और 1000 के नोटों पर रोक लगने के फैसले से चारों तरफ अफरातफरी की स्थिति पैदा हो गई है। तात्कालिक तौर पर आम लोग इस फैसले से परेशान दिख रहे हैं। वहीं एक बड़ा तबका इससे खुश भी हैं और उनका कहना है कि इससे काले धन पर रोक लग पाएगी। कांगड़ा जिले में भी मोदी के इस फैसले का काफी असर देखा गया। यहां के बाजारों में आज बहुत कम चहल.पहल देखी गई। वहीं कई दुकानदार पांच सौ और एक हजार के नोटों के लेनदेन में ना.नुकर करते दिखे।
प्रधानमंत्री मोदी के इस फैसला का लोग समर्थन तो कर रहे हैं लेकिन इससे छोटे से लेकर बड़े व्यापारियों को काफी नुकसान झलने पड़ा रहा है। सुनील वर्मा एक सुनार की दुकान चलाते है। उन्होंने कहा कि मोदी का फैसला बहुत अहम है। पर इसके चलते ग्राहक काफी ज्यादा परेशान है जिसकी वजह से उनके पास आज कोई ग्राहक नहीं आया। वर्मा ने कहा कि शादियों का सीजन होने के बावजूद उनकी दुकान पर गिने-चुने ग्राहक ही आ रहे हैं।
कपड़ोंं का व्यापार करने वाले अमित कपूर ने कहा की जिन लोगों ने काला धन जमा कर रखा है उनको दिक्कत हो सकती है जबकि ईमानदार लोगों को इस फैसले से जरा सा भी घबराने की जरूरत नहीं है। कपूर का भी मानना है कि इससे उनकी बिक्री पर खासा फर्क पड़ा है।
शाहुपर में रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि शादी के सीजन के चलते उन्हें बहुत दिक्कते महसूस हो रही है। इस फैसले से राशन, कपड़ों और गहनों की खरीददारी नहीं कर पा रहे हैं। साथ ही लोगो को रोजमर्रा के सामान खरीदने में दिक्कत झेलनी पड़ रही है।
यही नहीं हिमाचल प्रदेश केन्द्रीय विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को बसों में सफर करते वक्त काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। न्यू मीडिया की छात्र युक्ति डढवाल ने बताया कि बस परिचालक पांच सौ और एक हजार के नोटों को लेने से साफ इंनकार कर रहे हैं।
सीयूएचपीके हिन्दी विभाग में कार्यरत प्राध्यापक चंद्रकांत सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी के इस फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि इससे काले धन, भ्रष्टाचार और हवाला के तहत चल रही अवैध गतिविधियों पर रोक लग पाएगी और देश की आर्थिक दशा सुधरेगी।
पांच सौ और एक हजार के पुराने नोटों को बैंको और डाकघरों में 30 दिसंबर तक बदला जा सकेगा और इसके बाद पुराने नोट की कोई भी मूल्य नहीं बचेगा।
कांगड़ा से रूही शर्मा और इशान सिंह की रिपोर्ट
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