शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट की ओर से मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्तियों को अवैध करार देने के बाद सुक्खू सरकार के छह विधायकों अर्की से संजय अवस्थी,कुल्लू से सुंदर ठाकुर, रोहड़ू से मोहन लाल ब्राक्टा,पालमपुर से आशीष बुटेल,बैजनाथ से किशोरी लाल और दून विधानसभा हलके से कांग्रेस विधायक राम कुमार की विधायकी पर संकट मंडरा गया है।
हालांकि प्रदेश हाईकोर्ट के फैले में विधायकी को लेकर अभी तक स्पष्ट कुछ नहीं किया है लेकिन जिस तरह अधिनियम निरस्त कर दिए गए है। उसके बाद अब अगर कानूनी जंग आगे बढ़ी तो इन विधायकों की विधायकी पर खतरा मंडराने की स्थितियों पैदा हो सकती हैं।
खंडपीठ ने कहा है कि Accordingly,protection granted to such appointment to the office of Chief Parliamentary Secretary/ or Parliamentary Secretary as per Section 3 with Clause (d)of Himachal Pradesh Legislative Assembly Members (Removal of Disqualifications) Act, 1971 is also declaredillegal and unconstitutional and thus, claim of suchprotection under above referred Section 3(d) is inconsequential. Natural consequences and legalimplications whereof shall follow forthwith in accordance with law.
अब कानूनविद इन विधायकों की विधायक पद से हटाने के कानूनी दांव पेंचों पर मंथन करने में जुट गए हैं। अब आने वाले दिनों में इस मसले पर राजनीतिक व कानूनी जंग शुरू होने वाली हैं।
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