शिमला। मुख्य मंत्री जयराम ठाकुर की ओर से करोडों रुपयों से जनता की मदद के लिए चलाई गई CM HELPLINE 1100 पर सरकार के कर्मचारी व अधिकारी झूठ सरेआम झूठ का कारोबार चलाए हुए हैं।यह खुलासा जिला सोलन की लग पंचायत में प्रधान की ओर से अपने साले को पंचायत के काम आवंटित करने को लेकर हुई शिकायत पर की गई जांच में हुआ हैं।
इस मामले में एल 1 से लेकर एल 4 तक के तमाम अधिकारी 1100 नंबर पर झूठी जानकारी मुहैया कराते नजर आ रहे हैं। यह जयराम सरकार की तबाह हो चुकी सरकारी मशीनरी का भंडाफोड हैं। इसके साथ ही जयराम सरकार व उसके अधिकारियों की नाक के नीचे किस तरह से भ्रष्टाचार व नियमों को ठेंगे पर रखने का काम चला हुआ है इसका भी खुलासा हैं। ध्या न रहे सरकार चुनावों में उतर चुकी है ।
यह है मामला
27 जनवरी को लग पंचायत के आर एस ठाकुर नामक व्यक्ति ने सीएम हेल्पालाइन 1100 पर शिकायत संख्यान 634416 दर्ज कराई थी कि लग पंचायत के प्रधान प्रेम सागर ने 2021-22 के लिए पंचायत में कराए जाने वाले विकास कार्यों के लिए रेत-बजरी की आपूर्ति का काम और जेसीबी आदि का इंतजाम तमाम नियमों को दरकिनार करते हुए अपने साले को दे दिया है व यहीं नहीं मलौण क्षेत्र की साथ लगती बाकी पंचायतों जयनगर, क्या र कनेता,मलौण,कोहू,सौर और भ्यूं खरी से इस रेत बजरी की दरें 20 से तीस फीसद अधिक रख दी। जबकि नियमों के मुताबिक अपने किसी संबंधी को इस तरह से काम का आवंटन नहीं किया जा सकता था।
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Safdar Hashmi; man who fight for workers right
सीएम हेल्प लाइन 1100 पर पंचायत सचिव व प्रधान ने 11 फरवरी को जवाब दिया कि जिसे यह काम दिया गया है उसका किसी भी पंचायत प्रतिनिधि से कोई संबध नहीं । ठाकुर ने 1100 पर दिए इस जवाब का विरोध किया और कहा कि यह झूठी जानकारी दी गई हैं। जब ठाकुर ने 1100 पर इससे असहमति जताई तो एल 2 और एल 3 स्तर के अधिकारियों ने पंचायत सचिव व पंचायत प्रधान की ही रपट को आगे कर दिया।
लेकिन हद तो तब हो गई जब डीसी सोलन कृतिका कुल्हारी ने 27 अगस्त को ठाकुर की शिकायत को खारिज कर दिया। कुल्हाकरी ने शिकायत बंद करते हुए लिखा कि प्रधान व पंचायत सचिव की रपट का अवलोकन करने पर शिकायत कर्ता की शिकायत को निराधार पाया गया। यह दिलचस्प है कि 1100 पर यह बार-बार कहा गया कि पंचायत सचिव व प्रधान इस बावत झूठी जानकारी दे रहें । इसके बावजूद कुल्हारी की ओर से बिना स्वरतंत्र जांच कराए शिकायत बंद कर देना कई सवाल खडे कर देता हैं।
साथ ही इससे जयराम सरकार व नौकरशाही की साख पर भी बटटा लग गया है। सरकार व भाजपा की ओर से सीएम हेल्प लाइन 1100 को प्रदेश भर में जमकर गुणगान किया जा रहा है। लेकिन इस अकेले मामले ने ही सारा भंडा फोड दिया। हालांकि 1100 पर झूठी जानकारी देने की शिकायत पर सचिव पंचायती राज रजनीश ने भी जांच के आदेश दे रखे हैं। इस मामले को मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव आर एन बत्ता के नोटिस में लाया गया था। पर हुआ कुछ नहीं था।
यूं हुआ सच का खुलासा
ठाकुर ने जो शिकायत 27 जनवरी को 1100 नबंर पर की थी वही शिकायत उन्हों।ने उसी दिन निदेशक पंचायती राज को भी दी थी। निदेशक पंचायती राज ने इस शिकायत को डीसी कुल्हांरी को भेज दिया। कुल्हाीरी ने इसे जिला पंचायत अधिकारी और जिला पंचायत अधिकारी ने आगामी जांच के लिए बीडीओ नालागढ को भेज दिया। बीडीओ नालागढ ने इस मामले में पंचायत निरीक्षक की अध्यक्षता में दो सदस्यीय समिति का गठन कर जांच करने के निर्देश दिए। इस जांच रपट को बीडीओ ने आज ही डीसी कुलहारी को भेज दिया हैं।
तीन पन्नों की इस रपट में जो खुलासा हुआ हैं वह चौंकाने वाला है और डीसी स्तचर के अधिकारियों को किस तरह से गुमराह किया जा रहा है या वह गुमराह होने का स्वांग कर रहे है यह साफ हो गया हैं।
जांच रपट में प्रधान के बयान का हवाला दिया गया है जिसमें प्रधान कहा है कि पंचायत ने 2021-22 के लिए रेत बजरी की आपूर्ति व जेसीबी मशीन से काम करने के लिए निविदाएं लेकर ग्राम सभा की 7 मार्च की बैठक में इन्हें पारित किया गया। ग्राम सभा में चर्चा के बाद कम दरों की कुटेशनें हितेंद्र कृष्ण के नाम पाई गई व इन दरों को पारित कर दिया गया।
प्रधान ने कहा कि प्रधान पद की हैसियत से उनके ओर से किसी व्य।क्ति विशेष को लाभ देने का कोई औचित्य नहीं था। प्रधान ने इस बयान में माना कि हितेंद्र कृष्ण रिश्ते में उनका साला लगता हैं। शिकायत कर्ता ने 1100 नंबर पर यही शिकायत की थी कि प्रधान ने रेत बजरी का काम अपने साले को दे दिया लेकिन यह डीसी कुल्हारी तक कोई मानने को तैयार ही नहीं था। दिलचस्प तौर पर प्रधान ने यहां अपने बयान में कहा है कि हितेंद्र कृष्ण उनका निजी रिश्तेतदार नहीं है उससे उनका को खून का रिश्ता नहीं है। यह सभी को मालूम होता है कि साले से जीजा का खून का रिश्ता हो ही नहीं सकता।
प्रधान के बयान की तरह ग्राम पंचायत लग के सभी वार्ड सदस्यों ने अपने बयान में कहा है कि इन कुटेशनों को ग्राम सभा में रखा गया था। उन्हें यह मालूम नहीं था कुटेशन धारक प्रधान का रिश्तेदार है। अगर यह प्रधान का रिश्तेदार पाया जाता है तो प्रधान के खिलाफ कार्यवाही की जाए।
जांच समिति के सामने पंचायत सचिव ने भी दिलचस्प बयान दिया है प्रधान ने चार निविदाएं अनुमोदन के लिए प्रदान की।पंचायत सचिव ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि हितेंद्र कृष्ण प्रधान प्रेम सागर के सगे संबधियों में से है और इस बावत मुझे प्रधान ने भी कुछ नहीं बताया। लेकिन जब ठाकुर ने 1100 नंबर पर शिकायत की थी तब तो पंचायत सचिव को जानकारी लग ही गई होगी।
जांच समिति ने अपनी रपट में कहा है कि हितेद्र कृष्ण प्रधान का साला है यह आरोप सत्या पाया गया है। इस बावत ठाकुर की ओर से मुहैया सबूत के तौर पर पंचायत का रिकार्ड, परिवार नकल और विवाह प्रमाण संलग्नन किए गए हैं। जांच समिति ने पाया कि निविदाओं के विज्ञापन प्रचार के लिए समाचार पत्रों में नहीं दिए गए । यह आरोप भी सत्य पाया गया हैं।
इसी पंचायत में 2022 -23 के लिए भी रेत बजरी व जेसीबी मशीन को लेकर कुटेशनें मंगाई गई व दरें पिछली दरों की अपेक्षा 26 फीसद कम है। जांच समिति ने इस आरोप को सत्य पाया हैं।
जांच समिति का निष्कर्ष
समिति ने अपने निष्कर्ष में लिखा है कि शिकायत की छानबीन में कुटेशनों के बारे में समाचार पत्रों में प्रचार न होने से स्थानीय वाहन मालिक यानि वेंडर वंचित रहे। सचिव व प्रधान की ओर से नियमों का उल्लंघन किया गया व दोनों दोषी पाए गए। प्रधान की ओर से हितेंद्र कृष्ण जो कि प्रधान का साला है के साक्ष्य को छुपाया है। परिवार नकल व विवाह प्रमाण पत्र रिकार्ड मौजूद हैं।
प्रधान व सचिव ने सीएम हेल्प्लाइन में भी वेंडर के बारे में तथ्यों को छिपाया व झूठा बयान व रपट आगे भेजी ।मनमाने तरीके से कुटेशनेां संबधी काम किया गया इससे पंचचायत को वितीय नुकसान होना प्रतीत पाया गया हैं।
पंचायत निरीक्षक नालागढ रतन लाल व एसपीआइ विकास खंड नालागढ की रपट में पाया गया है कि पूरी छानबीन व रिकार्ड के अवलोकन करने पर पाया गया कि लग पंचायत के प्रधान ने अपने संगे संबंधी साले को जानबूझ कर पंचायत वेंडर बना कर लाभ दिया है इस में प्रधान दोषी पाया गया हैं।
इस जांच रपट को बीडीओ नालागढ ने आाज डीसी कुल्हारी को भेज दिया हैं। अब डीसी कुल्हारी क्या कार्रवाई करती हैं इस पर सबकी नजर रहेगी।
यहां रही पूरी जांच रपट
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