शिमला। जिला बिलासपुर के उपमण्डल घुमारवीं के गांव सेउ के 22 साल राइफलमैन अंकेश का उनके पैतृक गांव सेउ में पूरे राजकीय व सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया। उनके छोटे में भाई आकाश ने हजारों की संख्या में एकत्रित हुई भीड़ के बीच मुखाग्नि दी।
याद रहे सीमा सुरक्षाा बल से सेवानिवृत बांचा राम के पुत्र अंकेश भारदाज 6 फरवरी को अरूणाचल के त्वांग जिला की सीमा पर गशत के दौरान अन्य सात जवानों समेत हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे। यह हिमस्खलन के साथ तीन हजार फीट गहरी खाई में गिर गिर गए व शहीद हो गए। इन सातों जवानों को दो दिन तक चलाए गए बचाव अभियान के दौरान पैरा फोर्स और आसाम पुलिस के बचाव दल ने भारी मशक्त कर ढूंढ निकाला था।
मौसम खराब होने के कारण शहीद अंकेश के पार्थिव देह को त्वांग से तेजपुर तक सड़क मार्ग से लाया गया जबकि तेजपुर से पठानकोट तक हवाई मार्ग से तथा पठानकोट से पैतृक गांव सेउ तक सड़क मार्ग से पहुचाया गया।
आज सुबह लगभग नौ बजे के करीब हमीरपुर तथा जिला बिलासपुर की सीमा तरघेल नामक स्थान पर खाद्य आपूर्ति मन्त्री राजेन्द्र गर्ग प्रशासनिक अधिकारियों सहित हजारों लोगों ने शहीद अंकेश के पार्थिव देह का आगमन किया और पैतृक गांव सेउ में पहुंचाया गया। इस दौरान अंकेश अमर रहे के नारे गंूजते रहे व बच्चों, बूढ़ों, युवाओं और महिलाओं ने नम आंखों से जगह-जगह फूलों की वर्षा करते हुए देश भक्ति के नारों के साथ अंतिम विदाई दी।
अपने लाडले अंकेश के इस तरह तिरंगे में घर लौटने पर उनके पिता पिता बांचा राम ने अपने पूरे घर को फूल मालाओं व लड़ियों सहित सजा दिया। अन्तिम विदाई के समय शहीद अंकेश को सेहरा भी लगाया गया शहीद को दुल्हे की तरह सजाया गया। शहीद की अंतिम यात्रा में उनके पिता भाई के साथ माता भी अंतिम यात्रा में शामिल रही।इस मौके पर उनके पिता बांचा राम ने कहा कि उनका बेटा बहादुर सैनिक था। वह अपने बेटे को दूल्हे की तरह विदाई देना चाहेंगे ।
इस अवसर पर युवाओं ने शहीद अंकेश के सम्मान में दधोल से पैतृक गांव सेउ तक 300 फीट तिरंगा यात्रा निकाली गई तथा युवाओं ने बाइक रैली निकाल कर देश भक्ति के नारे लगाकर पूरे वातावरण को देशभक्ति के रंग में रंग दिया।
पैतृक गांव सेउ से सीर खडड के किनारे मुक्तिधाम तक पूरे राजकीय सम्मान, बैंड बाजे और देश भक्ति गीतों तथा नारों ʺजब तक सूरज चांद रहेगा अंकेश तेरा नाम रहेगाʺ के साथ अन्तिम या़त्रा निकाली गई जिसमें हजारो लोग शामिल हुए। महिलाओं ने भी अंतिम यात्रा में भारी सख्या में उपस्थिती दर्ज करवाई। अंतिम संस्कार के मौके पर 19 जैक राइफल की टुकड़ी व प्रदेश पुलिस के जवानों की ओर से सलामी दी गई।
इस अवसर पर खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेन्द्र गर्ग ने कहा कि शहीद अंकेश की शहादत और बलिदान से देश और प्रदेश में देश भक्ति के जज्बे का सन्देश गया है। उन्होने कहा कि शहीद के पिता बांचा राम ने अपना जवान बेटा खोने के बावजूद संयम और साहस का परिचय दिया है। लोगों में अंकेश के जाने के गम के साथ देशभक्ति का जज्बा भी देखने को मिला।
इस अवसर पर खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेन्द्र गर्ग के अलावा पूर्व कांग्रेस विधायक राजेश धर्माणी, उपायुक्त बिलासपुर पंकज राय, एसपी बिलासपुर एसआर राणा, 19 जैक राईफल के मेजर अभिमन्यु सिंह राठौर समेत हजारों लोगों शहीद अंकेश को फूल मालाओं के साथ श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
अंकेश 19 वर्ष की आयु में सेना में भर्ती हो गये थे। शहीद का छोटा भाई आकाश कक्षा जमा दो में पढ़ता है और बहन का पहले ही दुर्घटना में देहांत हो चुका है। अंकेश के पिता, चाचा बीएसएफ जबकि ताया सेना से सेवानिवृत हुए हैं।
अंकेश ने दसवीं तक की शिक्षा राजकीय उच्च पाठशाला दधोल में प्राप्त की व उसके बाद जमा दो तक की शिक्षा हिम.सर्वोदय घुमारवीं से प्राप्त की । जमा दो की शिक्षा पूर्ण करने के बाद शहीद अंकेश ने काॅलेज में भी दाखिला लिया था। शहीद अंकेश कुश्ती के खिलाड़ी भी थे जिन्होनें जिला तथा राष्ट्रीय स्तर पर कुश्तियों में भाग लिया था।
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